अभिनव कुमार/दरभंगा:- 8 मार्च के दिन महाशिवरात्रि त्यौहार को लेकर तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है. इस साल के महाशिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है. प्रदोष त्रयोदशी व्रत और चतुर्दशी व्रत दोनों ही शिव की आराधना के लिए किया जाता है और दोनों व्रत का संयोग भी 8 मार्च यानि महाशिवरात्रि के दिन ही बन रहा है. इसलिए इस दिन काफी खास संयोग बन रहा है. यह दुर्लभ संयोग सैकड़ों वर्षों के बाद ही बनता है. इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा ने लोकल 18 को बताया कि इस बार महाशिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है. इस व्रत को करने से हजारों अश्वमेध यज्ञ के समतुल्य फल की प्राप्ति होती है.
बैद्यनाथ धाम में शिवलिंग की हुई थी स्थापना
विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा ने Local 18 को बताया कि इस बार का महाशिवरात्रि विशेष योग लेकर आया है. उन्होंने बताया कि रावण के द्वारा बैद्यनाथ धाम में शिवलिंग की स्थापना इसी दिन की गई थी. इसके अलावा मधेपुरा जिला स्थित सिंघेश्वर स्थान की भी स्थापना इसी दिन की गई थी. इस दिन बैद्यनाथ और सिंहेश्वर महादेव का मिलन भी हुआ था, इसलिए बैद्यनाथ धाम में हरिहर मिलन का भी महोत्सव मनाया जाता है. इस व्रत को करने से हजारों अश्वमेध यज्ञ के समतुल्य फल की प्राप्ति होती है.
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गोबर का शिवलिंग बनाकर करें पूजन
डॉ. कुणाल कुमार झा ने आगे बताया कि शत्रुओं को शांत करने के लिए या फिर विभिन्न प्रकार के मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए गाय के गोबर से शिवलिंग का निर्माण कर विधि-विधान से पूजन करने से अपने अंदर के शत्रु भाव का नाश होता है. प्रदोष समय में शिव पूजन का विशेष महत्व होता है. इस बार महाशिवरात्रि व्रत का प्रदोष समय संध्या 7:26 बजे के बाद पूरी रात्रि शिवार्चन करने का शुभ मुहूर्त है. मिथिलांचल क्षेत्र में कई ऐसे शिवालय हैं, जहां इस दिन काफी विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना भी की जाती है, जिसमें से एक दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान महादेव है. वहीं दूसरा मधुबनी जिले में उगना महादेव और एकादश रूद्र महादेव हैं. जबकि तीसरा समस्तीपुर में थनेश्वर स्थान है, जहां विशेष विधि से शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है.
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FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 13:19 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.