दीपक पाण्डेय/खरगोन. सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का बड़ा ही धार्मिक महत्व है. इस दिन मथुरा, वृंदावन, ब्रज, गोकुल, द्वारकाधीश सहित अन्य क्षेत्रों में गोपाष्टमी का महापर्व मनाया जाता है. गायों और उनके बछड़ों का श्रृंगार करके पूजा की जाती है. इस दिन को अन्नकूट महोत्सव के रूप में भी भक्त मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और उनके आठवें अवतार श्रीकृष्ण की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
बता दें की इस वर्ष गोपाष्टमी का यह पर्व 20 नवंबर सोमवार को आने वाला है. उत्तर प्रदेश सहित मध्यप्रदेश में भी गोपाष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. अगर आप भी इस पर्व में शामिल होना चाहते हैं तो एमपी के खरगोन मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ऊन में स्थित पुरातन श्री महालक्ष्मी माता मंदिर पहुंच जाएं. इस दिन मंदिर में होने वाले अन्नकूट महोत्सव में प्रदेश सहित अन्य राज्यों से लाखों लोग शामिल होने आते हैं.
यह होते हैं आयोजन
मंदिर के पुजारी नरेंद्र कुमार पंडित बताते हैं कि दिवाली पर्व के बाद गोपाष्टमी के दिन मंदिर समिति द्वारा अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है. इसमें करीब एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं. गोपाष्टमी पर्व के दौरान विद्वान पंडितों द्वारा दो दिवसीय 21 कुंडीय महायज्ञ का भी यहां आयोजन यहां चल रहा है. पूर्णाहुति के बाद महालक्ष्मी माता को 56 व्यंजनों का भोग लगेगा. गौ माता की पूजा होगी और फिर विशाल भंडारा होगा, जिसमें लाखों भक्त भोजन प्रसादी ग्रहण करेंगे. बताया कि विशाल भंडारे का आयोजन मंदिर समिति द्वारा विगत 14 वर्षों से गोपाष्टमी के दिन निरंतर किया जा रहा है.
हजारों साल पुराना है इतिहास
बता दें कि देवी श्री महालक्ष्मी माता का यह मंदिर भारत के चार पुरातन महालक्ष्मी मंदिरों में से एक है और मध्य प्रदेश का एकमात्र सबसे प्राचीन मंदिर है. वैसे तो साल भर यहां देश के कोने-कोने से भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं, लेकिन दीपावली और गोपाष्टमी के दिन खासतौर पर लाखों की संख्या में आते हैं. मान्यता है की माता के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 20, 2023, 06:01 IST