गोपनीय दस्तावेज लीक मामले के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के समकक्षों से संचार बंद किया : राजनयिक

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़े साइफर (गोपनीय दस्तावेज) लीक मामले के द्विपक्षीय संबंधों में एक संवेदनशील मुद्दा बनने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ संचार और अन्य चर्चाएं रोक दी हैं। एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक के हवाले से मीडियारिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
‘जिओ न्यूज’ की खबर के मुताबिक, ‘‘अमेरिकी अधिकारियों द्वारा संचार ठप किए जाने के बारे में खुलासा फैसल तिर्मिजी ने किया, जो विदेश मंत्रालय में अमेरिका से संबंधित मामलों को देखने वाले अतिरिक्त सचिव थे।’’
खबर में कहा गया है कि फैसल ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को यह विवरण प्रदान किया। एफआईए ने साइफर मामले की जांच के लिए विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की थी।

मार्च 2022 में एक सार्वजनिक रैली के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कागज का एक टुकड़ा लहराया था और इसे साइफर की नकल बताते हुए दावा किया था कि अमेरिका उन्हें सत्ता से बाहर करना चाहता था।
खान के खिलाफ इस साल 18 अगस्त को सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जियो न्यूज ने अब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में कार्यरत तिर्मिज़ी के हवाले से कहा, “अमेरिका ने हमारे साथ संचार बंद कर दिया था।अमेरिका ने पाकिस्तान से लिखित रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा दिखाए जा रहे कथित साइफर को साझा करने के लिए कहा था।’’
राजनयिक ने कहा, अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तानी समकक्षों से कहा कि अगर गुप्त बातचीत को सार्वजनिक चर्चा का हिस्सा बनाया गया तो वे उनके साथ स्पष्ट चर्चा नहीं करेंगे।

उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘तब विदेश कार्यालय ने खान और क़ुरैशी को एक सलाह जारी की, जिसमें उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए राजनयिक केबलों का उपयोग करने के परिणामों के बारे में बताया गया।’’
खान ने वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू को उस व्यक्ति के रूप में नामित किया था जो कथित तौर पर विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास मत के माध्यम से उनकी सरकार को गिराने की ‘विदेशी साजिश’ में शामिल थे।
अमेरिकी विदेश विभाग ने खान के आरोपों को बार-बार खारिज किया है।

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