दिल्ली पुलिस ने रविवार को दावा किया कि श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने वाले दो व्यक्ति फरार रहने के दौरान पहचान पत्र के सहारे चंडीगढ़ के होटल में ठहरे थे. सूत्रों ने बताया कि दोनों हमलावर–जयपुर निवासी रोहित राठौड़ और हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी नितिन फौजी–विदेश भागने की फिराक में थे तथा गोगामेड़ी की हत्या करने के लिए प्रत्येक को कथित तौर पर 50,000 रुपये देने का वादा किया गया था.
दोनों कथित हत्यारों को दिल्ली और राजस्थान पुलिस की टीम ने शनिवार रात चंडीगढ़ के सेक्टर-24 स्थित होटल ‘कमल पैलेस’ से गिरफ्तार कर लिया.
हमलावरों के साथ उनका एक अन्य सहयोगी उधम सिंह भी मौजूद था। पुलिस का दावा कि उसने हमलावरों को गिरफ्तारी से बचने में मदद की थी.
पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमित गोयल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘आगे की पूछताछ के लिए तीनों को राजस्थान पुलिस जयपुर ले गई है.”
गोयल ने बताया कि अपराध में इस्तेमाल किये गये हथियार अभी तक बरामद नहीं हुए हैं.
विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव के अनुसार, दिल्ली पुलिस पांच दिसंबर को जयपुर में गोगामेड़ी के घर पर हत्या की घटना होने के बाद से ही शूटर पर नजर रख रही थी.
यादव ने बताया कि राजस्थान अतिरिक्त महानिदेशक (अपराध) दिनेश एम.एन. द्वारा साझा किए गए प्रारंभिक इनपुट के अनुसार, गोगामेडी की हत्या करने के बाद दोनों हमलावर एक टैक्सी में डीडवाना भाग गए, जहां से उन्होंने बस ली.
उन्होंने बताया कि इसके बाद दोनों धारूहेड़ा में उतरे और एक ऑटोरिक्शा लेकर रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां से वे हिसार के लिए ट्रेन में चढ़ गए.
दिल्ली पुलिस द्वारा हिसार रेलवे स्टेशन से एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज में दोनों को स्टेशन से बाहर निकलते देखा जा सकता है.
उन्होंने बताया कि इसके बाद राठौड़ और फौजी की मुलाकात उनके दोस्त उधम सिंह से हुई, जिसने उन्हें पुलिस से छिपकर रहने में उनकी मदद की.
एक अन्य पुलिस अधिकारी के अनुसार, फौजी और सिंह की मुलाकात चार साल पहले हुई थी, जब दोनों सेना में भर्ती की तैयारी के लिए एक ही केंद्र पर प्रशिक्षण ले रहे थे.
अधिकारी ने बताया कि सिंह की मदद से दोनों ने हिमाचल प्रदेश के मनाली के लिए एक टैक्सी किराए पर ली, जहां वे एक या दो दिन रुके और बाद में नौ दिसंबर को चंडीगढ़ आ गए.
तीनों व्यक्तियों ने होटल ‘कमल पैलेस’ में कमरा बुक करने के लिए देवेंद्र, जयवीर और सुखबीर के नाम से फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया.
अधिकारी ने बताया कि उनके ठिकाने के बारे में एक गुप्त सूचना मिली और दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एक टीम राजस्थान पुलिस के साथ रात करीब साढ़े आठ बजे होटल पहुंची तथा तीनों को गिरफ्तार कर लिया.
राजस्थान पुलिस फौजी को जयपुर ले गई, जबकि दिल्ली पुलिस राठौड़ और सिंह को राष्ट्रीय राजधानी ले आई. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें रविवार सुबह जयपुर ले जाया गया.
अधिकारी ने बताया कि फौजी हरियाणा में अपहरण और एक पुलिसकर्मी पर हमला करने के मामले शामिल रहा है, जबकि राठौड़ का भी पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है और वह कुछ समय जेल में भी रह चुका था.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि संभवत: राठौड़ ने वीरेंद्र चरण से मुलाकात की थी. पुलिस को संदेश है कि वीरेंद्र विदेश में मौजूद गैंगस्टर रोहित गोदारा के इशारे पर की गई गोगामेड़ी की हत्या की साजिश में शामिल है.
रोहित गोदारा लॉरेंस-गोल्डी बराड़ गिरोह का करीबी सहयोगी है. उसने पांच दिसंबर को गोगामेड़ी की हत्या के तुरंत बाद सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट कर हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
सूत्रों ने बताया कि राठौड़ और फौजी विदेश भागने की फिराक में थे और कथित तौर पर गोगामेड़ी की हत्या करने के लिए प्रत्येक को 50,000 रुपये देने का वादा किया गया था. उनसे यह भी कहा गया कि जब तक उन्हें वादे के मुताबिक पासपोर्ट और वीजा नहीं मिल जाता तब तक वे भूमिगत रहें.
सूत्रों ने बताया कि वे चंडीगढ़ से गोवा और आगे दक्षिण भारत में जाने की भी योजना बना रहे थे.
पुलिस ने बताया कि महेंद्रगढ़ का मूल निवासी फौजी सेना से छुट्टियां लेकर घर लौटा था, लेकिन उसके बाद दोबारा कभी ड्यूटी पर नहीं गया और हरियाणा में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा.