‘गूगल पे, फोन पे हैं टाइम बम…’, किस MP ने लोकसभा में इनको लेकर किया बड़ा दावा

हाइलाइट्स

सुप्रिया सुले ने कहा कि गूगल पे और फोन पे जैसे ऐप टाइम बम हैं.
सुले ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में जो कुछ भी हुआ वह बहुत चिंताजनक है.
सुले ने कहा कि पेटीएम का मामवा लगभग मनी लॉन्ड्रिंग जैसा है.

नई दिल्ली. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने आरोप लगाया कि गूगल पे (Google Pay) और फोन पे (Phone Pe) जैसे ऐप ‘दो टाइम बम’ हैं. सुले ने जानना चाहा कि सरकार मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है. लोकसभा में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ पर चर्चा में भाग लेते हुए सुले ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) में जो कुछ भी हुआ वह बहुत चिंताजनक है और लगभग मनी लॉन्ड्रिंग जैसा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने पीपीबीएल को 29 फरवरी के बाद ग्राहक खातों, वॉलेट, फास्टैग और दूसरी मदों में जमा या टॉप-अप कबूल करना बंद करने का निर्देश दिया था.

आरबीआई ने कहा कि समय-समय पर नियामक दिशानिर्देशों के बावजूद पेटीएम लगातार उनकी नाफरमानी कर रहा था. इसके कारण अंततः इस फिनटेक कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. वहीं सुले ने कहा कि ‘Google Pay और Phone Pe दो टाइम बम हैं. BHIM ऐप का उपयोग शायद ही किया जाता है जबकि Google Pay और Phone Pe ऐप का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. सरकार डिजिटल या कैशलेस अर्थव्यवस्था पर क्या कर रही है?’ वहीं जेएमएम नेता विजय कुमार हंसदक ने सरकार पर विपक्षी सांसदों के खिलाफ ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.

हंसदक ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए. लोकसभा में झारखंड के राजमहल सीट के सांसद हंसदक ने कहा कि ‘उनकी सरकार ईडी के कारण चल रही है. नहीं तो वे चुनाव नहीं जीत पाएंगे.’ बीजेपी सांसद संजय जयसवाल ने कहा कि यूपीए सरकार के 10 साल में जो भ्रष्टाचार देखने को मिला वह अभूतपूर्व था. उन्होंने कहा, यूपीए के कार्यकाल में लोग कर्ज लेते थे और उसे लौटाना भूल जाते थे. वहीं बहस में भाग लेते हुए असदुद्दीन औवेसी (एआईएमआईएम) ने कहा कि श्वेत पत्र में तथ्य से ज्यादा बयानबाजी है.

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ओवैसी ने सरकार से यह बताने का आग्रह किया कि यूपीए के 10 साल के दौरान औसत विकास दर 6.8 प्रतिशत से अधिक क्यों थी, जबकि एनडीए अवधि के दौरान यह 5.9 प्रतिशत है. सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में राजकोषीय घाटे के मामले में, यूपीए शासन के दौरान औसत 4.7 प्रतिशत था, लेकिन एनडीए के 10 वर्षों के तहत यह 5.1 प्रतिशत है. औसत मुद्रास्फीति दर 8 प्रतिशत थी, जो 2014 में सत्ता में आने वाली एनडीए सरकार के दौरान घटकर 5 प्रतिशत हो गई. ओवैसी ने यह भी कहा कि एनडीए सरकार को कच्चे तेल की अनुकूल कीमतों का लाभ मिला और उन्होंने सरकार से देश को यह बताने का आग्रह किया कि नोटबंदी ने देश के गरीबों पर कैसे प्रतिकूल प्रभाव डाला.

Tags: Google pay, NCP, Paytm, Supriya sule

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