हाइलाइट्स
तेजस्वी यादव की राजनीति के 10 साल का अनुभव अब बोलने लगा.
विश्वासमत पर बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव के भाषण की चर्चा.
नीतीश कुमार कर रहे गुस्से का इजहार, तेजस्वी का संयमित व्यवहार.
पटना. बिहार विधानसभा के बजट सत्र में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए आरजेडी पर जमकर प्रहार किया. सीएम ने कहा कि गड़बड़ी करने वालों को नहीं बख्शेंगे. सीएम ने कहा कि जो नौकरी दी गई वो NDA के समय से ही तय थी. इसमें आरजेडी का कोई योगदान नहीं है. नीतीश कुमार मुर्दाबाद… विपक्ष की नारेबाजी पर सीएम नीतीश कुमार जमकर भड़कते और उन्होंने कहा कि ‘तू हाय-हाय कर रहा है, जब हम शुरू कर देंगे तो बर्बाद हो जाएगा’. बता दें कि इससे पहले सीएम नीतीश ने लालू परिवार पर वार करते हुए यह भी कहा था कि पति-पत्नी (लालू-राबड़ी) ने 15 साल में क्या किया? लेकिन, खबर यह नहीं बल्कि यह है कि तेजस्वी यादव इतना कुछ होने के बाद भी सीएम नीतीश कुमार के लिए सम्मान जता रहे हैं. कई बार अपने शब्दों में सीएम नीतीश के लिए उन्होंने अपना प्यार और आभार भी जताने की कोशिश की. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर तेजस्वी यादव ऐसा क्यों कर रहे हैं?
दरअसल, नीतीश कुमार के गुस्से के बीच बिहार में तेजस्वी यादव के संयमित व्यवहार की चर्चा बिहार में हो रही है. यह 12 फरवरी को विश्वासमत पर बिहार विधान सभा में चर्चा के दौरान तेजस्वी के भाषण में साफ झलक रहा था कि वह नीतीश कुमार से आहत हैं और प्रहार भी लगातार कर रहे हैं, लेकिन उनकी भाषा बेहद ही संयमित रही. खास बात यह भी रहा कि वह यह संदेश देते नजर आए कि तेजस्वी यादव के पास सारे विकल्प खुले हुए हैं.
नीतीश की पलटीमार राजनीति पर तेजस्वी
नीतीश कुमार की ओर से पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव पर तेजस्वी या दव ने चर्चा की शुरुआत करते हुए अपने संबोधन में नीतीश कुमार की पलटीमार राजनीति पर कटाक्ष से की. एक विधान सभा के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के तौर पर तीन बार शपथ लेने को लेकर तेजस्वी यादव ने तंज से भरा राजनीतिक प्रहार किया. लेकिन, अगले ही पल सीएम नीतीश कुमार को अपना अभिभावक कह डाला और पितातुल्य बता दिया.
सीएम नीतीश पर तेजस्वी का तीखा निशाना
तेजस्वी यादव ने बड़े ही सधे हुए तरीके से नीतीश कुमार को राजा दशरथ कहा तो खुद को कैकयी की बातों में आकर दशरथ द्वारा भगवान श्रीराम को वनवास भेजने का दोषी भी बता दिया. तेजस्वी ने नीतीश कुमार से कहा कि उन्होंने बिना किसी बातचीत के चुपचाप राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया. जाहिर तौर पर भाजपा से गठबंधन तोड़ कर महागठबंधन में आने और फिर भाजपा के साथ हो लेने को लेकर तेजस्वी ने तीखा हमला किया.
राजद के बागियों पर भी तेजस्वी का टारगेट
बिहार विधानसभा में तेजस्वी 40 मिनट बोले थे. इस दौरान तेजस्वी के संबोधन में नाराजगी थी, तल्खी थी लेकिन गुस्से का भाव चेहरे पर नहीं था. जो लोगों को दिख रहा था वह अनुशासन और संयम और आगामी राजनीति के लिए प्लॉट तैयार करने का भरोसा. यह तब भी दिखा जब राजद के प्रहलाद यादव, नीलम देवी और चेतन आनंद पर उन्होंने अपनी बात रखी. उन्होंने सबको यह संदेश दिया कि जरूरत के वक्त तेजस्वी उनके लिए खड़े हैं.
आपा खोते नीतीश और मैच्योर दिख रहे तेजस्वी
वरिष्ठ पत्रकार अशोक शर्मा कहते हैं कि एक ओर जहां नीतीश कुमार कई मौकों पर आपा खो देते हैं, वहीं तेजस्वी यादव ने जिस तरह से संयमित और मर्यादित भाषा में आक्रामकता के साथ नीतीश कुमार पर हमला बोला, यह साफ बताता है कि राजनीति में 10 साल का अनुभव अब बोल रहा है. अब वह मैच्योर हो चले हैं. जिस अंदाज में सम्राट चौधरी को आगे कर उन्होंने पीएम मोदी की गारंटी सीएम नीतीश कुमार को लेकर मांगी, वह भी कम काबिले गौर नहीं है.
पॉलिटिक्स है भाई… यहां ट्विस्ट होते रहते हैं
सियासत के जानकारों की नजर में यह साफ है कि तेजस्वी यादव अब परिपक्व हो गए हैं और राजनीति को साधने भी लगे हैं. ऐसे भी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके की कई भविष्यवाणियां सही साबित हुई हैं. फिर एनडीए में आने को लेकर पीके की भविष्यवाणी सच साबित हुई. हाल में उन्होंने फिर एक भविष्यवाणी की है कि लोकसभा चुनाव के बाद सीएम नीतीश फिर पाला बदल सकते हैं. हालांकि, सियासी लोग तो ऐसे आरोप लगाते रहते हैं. लेकिन, पॉलिटिक्स है भाई यहां अचानक ट्विस्ट भी बहुत होते हैं!
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Tags: Bihar News, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Tejaswi yadav
FIRST PUBLISHED : February 15, 2024, 12:39 IST