अनंत कुमार/गुमला. गुमला जिला के विभिन्न प्रखंडों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं कल्याण आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली 25 छात्राएं चेन्नई के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो जाएंगी. वहां चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग में शामिल वैज्ञानिकों से रूबरू होंगी. छात्राएं चंद्रयान 3 से जुड़े सभी तथ्यों के बारे में विशेष रूप से जानकारी प्राप्त करेंगी.
इनमें गुमला जिला मुख्यालय कस्तूरबा की 5, एवं प्रखंड कस्तूरबा की सिसई, पालकोट, बिशुनपुर, बसिया, डुमरी, घाघरा, चैनपुर, कामडारा, रायडीह ,भरनो से 1-1 छात्रा शामिल हैं. वहीं, झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, जारी से 2, आश्रम बालिका आवासीय विद्यालय सिसई से 4 और टाना भगत आवासीय बालिका उच्च विद्यालय चापाटोली बिशनपुर की 4 छात्राएं शामिल हैं.साथ ही एक्सपोजर विजिट के रूप में डीसीएलआर सुषमा नीलम सोरेंग, डीएसइ मो. वसीम अहमद, सहायक शिक्षकों में रोहिणी प्रसाद, मोनी कुमारी रेशमा मिंज, नीलम खाखा, रमा कांत सनी शामिल हैं. ये सभी 26 सितंबर को गुमला से चेन्नई के लिए रवाना होंगे. झारखंड में गुमला पहला जिला होगा जहां से आदिवासी छात्राओं को विजिट के लिए इसरो ले जाया जा रहा है. जिसे लेकर छात्राओं में काफी उत्साह है.
चंद्रयान 3 के लैंडिंग में शामिल वैज्ञानिकों से मिलेंगे
छात्रा अनामिका कुजुर ने बताया कि हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि हमलोगो को डीसी सर की पहल परइसरो जाने का मौका मिला है. हम कस्तूरबा में पढ़ने वाली छात्राएं सपने में भी नहीं सोचे थे कि हमलोग इसरो जाएंगे और वहां चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग में शामिल वैज्ञानिकों से मिलेंगे. उसके बारे में वैज्ञानिकों से साक्षात मिलकर अधिक से अधिक जानकारी हासिल करेंगे.इससे हमें चंद्रयान 3 के बारे में और भी अधिक जानकारी मिलेगी.जिससे विज्ञान विषय के प्रति हमारी रुचि बढ़ेगी. और हमलोग भी अपने देश के लिए कुछ कर सकेंगे.
वैज्ञानिक किस तरह से करते है खोजबीन
छात्रा रेणु कुमारी ने कहा कि मैं गुमला जिला के सुदूरवर्ती गांव की रहने वाली हूं और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय,गुमला में पढ़ाई करती हूं.मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवन में कभी वैज्ञानिकों से भी मिलेगी,और हमलोगों को मौका मिला और हमलोग चंद्रयान-3 में शामिल वैज्ञानिकों से मिलेंगे.मैं बचपन से सुनती आ रही थी कि वैज्ञानिक होते हैं, मैं सोचती थी कि वैज्ञानिक आदमी होते हैं या भगवान होते हैं कि उन्हें सब कुछ मालूम होता है.मैं वहां विशेष कर वैज्ञानिक सोमनाथ सर एवं उनके सहयोगियों से मिलूंगी. वे किस प्रकार से काम करते हैं और कैसे खोजबीन करते हैं. इसके बारे में नजदीक से जानूंगी. उनसे प्रेरणा लेकर वैज्ञानिक बनूंगी.छात्रा पुष्पा कुमारी ने कहा कि हमलोग इसरो जाकर वहां के वैज्ञानिकों से मिलेंगे. जिससे हमारे सोचने – समझने की क्षमता में वृद्धि होगी और विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ेगी.और चंद्रयान-3 सफल लैंडिंग के के लिए क्या-क्या कार्य और किस तरह से कार्य किया गया था. उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारियां हासिल करूंगी और वैज्ञानिक किस तरह से खोजबीन एक्सपेरिमेंट करते हैं उसके बारे में भी जानूंगी.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 10:43 IST