गुफा में मिली थी हनुमानजी की प्रतिमा, अब यहां पन्नी बांधने से मन्नत होती है पूरी! जानें मंदिर की महिमा

अनुज गौतम/सागर: सागर की प्रसिद्ध आबचंद गुफाओं में प्राचीन चमत्कारी हनुमान मंदिर है. गुफाओं की ही साफ-सफाई के दौरान हनुमान जी की प्रतिमा मिली थी, जो यहां पर करीब 110 साल पहले स्थापित की गई थी. भगवान के सामने हाथों में नारियल लेकर प्रार्थना करने से मनोकामना पूर्ण होती है. मनौती पूरी होने के बाद यहां पर 24 घंटे या 48 घंटे का अखंड कीर्तन करवाना पड़ता है.

वहीं महिलाओं द्वारा यहां पर विशेष रूप से पन्नी की गांठ बांधने की भी परंपरा है. वहीं यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भी भरपूर है. लाल बलुआ पत्थर की गुफाओं में मंदिर बना है. मंदिर के बाहर से नदी बहती है. नदी के दोनों तरफ अर्जुन के वृक्ष हैं. दोनों तरफ चट्टाने होने से यहां का सौंदर्य और अधिक बढ़ जाता है. इसी खूबसूरती का लुत्फ उठाने के लिए दूर-दूर से पर्यटक भी पहुंचते हैं.

जामवंत और हनुमान जी यहां रहते थे
मंदिर के पुजारी के अनुसार, यह सिद्ध संत हरे राम महाराज की तपोभूमि है. इन्हीं विंध्य पर्वत की चट्टानों में गुफाएं हैं. आबचंद से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित गौरी दांत पहाड़ी है, जहां पर माता गौरी ने तपस्या की है. जिनकी सुरक्षा के लिए जामवंत और हनुमान भी यहां की गुफाओं में रहते थे. हरे राम महाराज जब अपने गांव से गाय चराने के लिए नदी किनारे आते थे तो खेलते समय गुफाओं की सफाई करने लगे. सफाई के दौरान हनुमानजी की छोटी प्रतिमा मिली थी, जिन्हें उन्होंने स्थापित किया और यहीं पर रहने लगे. साधना करने लगे.

यहीं यहां का चमत्कार
करीब 44 साल पहले मैं यहां आया तो महाराज ने मुझे शिष्य बनाया. मैं भी उनके साथ रहने लगा. मेरे आने से करीब 4 साल पहले हनुमान जी की बड़ी प्रतिमा भी स्थापित की गई थी. अब यहां पर हनुमान जी बाल स्वरूप में भी विराजमान हैं. वहीं करीब 3 साल पहले मैंने राम दरबार की स्थापना की है. यहां पर भगवान से प्रार्थना करने पर 41 दिन के अंदर काम पूरा हो जाता है. यही इस क्षेत्र का और हनुमान जी महाराज का चमत्कार है. जिसकी वजह से मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग आते हैं.

12 हजार साल पुराने शैल चित्र भी
सालों पहले नदी के दोनों किनारों पर लगे अर्जुन के वृक्ष झुके रहते थे. साथ ही जंगल होने की वजह से लोगों का आना-जाना नहीं होता था. अब रोड से करीब 3 किलोमीटर अंदर जंगल के बीचो बीच से पक्की सड़क का निर्माण किया गया है, जो मंदिर तक पहुंचती है. लोग आसानी से भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंच जाते हैं. मंदिर से करीब 500 मीटर की दूरी पर यहां पर 12000 साल पुराने शैल चित्र भी पाए गए हैं, जो मानव विकास की कहानी बयां करते हैं. प्राकृतिक सौंदर्यता के साथ लोग इन शैल चित्रों को भी देखने में बड़ी रुचि दिखाते हैं.

Tags: Hanuman mandir, Local18, Religion 18, Sagar news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *