सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : सनातन धर्म हर पर्व, हर व्रत का बड़ा अधिक महत्व माना जाता है. वैसे तो साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें दो नवरात्रि काफी प्रचलित है और दो नवरात्रि गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होती है. जिसमें देवी मां के 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना की जाती है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार तंत्र विद्या सीखने वाले जातक गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना करते हैं. इस वर्ष माघ माह की गुप्त नवरात्रि आज यानी 10 फरवरी 2024 से प्रारंभ हो गई है. इसका समापन 18 फरवरी 2024 को होगा. सनातन धर्म में माघ माह की गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है तो वहीं ज्योतिष गणना के अनुसार इस गुप्त नवरात्रि में 9 दिनों में कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है. इस दौरान मां दुर्गा की पूजा आराधना पाठ करने से जातक को शत्रु, रोग, दोष, आर्थिक संकट से छुटकारा भी मिलेगा.
गुप्त नवरात्रि में ग्रहों का अद्भुत संयोग
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है. ज्योतिष गणना के अनुसार गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में 16 शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है. जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग, पुष्कर योग सिद्धि, योग साध्य योग, शुभ शुक्ला, इंद्र अमृत सिद्धि योग, शिवयोग के अलावा कुल 16 योग का निर्माण इस बार के गुप्त नवरात्रि में हो रहा है. इस दौरान माता दुर्गा की सुबह-शाम विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से जीवन में आ रही तमाम तरह की विपत्तियों से मुक्ति मिलेगी.
गुप्त नवरात्रि की 10 महाविद्याएं
ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा आराधना करने का विधान है. जिसमें काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला शामिल है. इन देवियों को दस महाविद्या कहा जाता है.. इनका संबंध भगवान विष्णु के दस अवतारों से हैं. मान्यता है कि देवी मां कि इन 10 महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 10, 2024, 16:33 IST
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