गुड़, बेसन और कैप्सूल का अचूक फॉर्मूला, अब नहीं जलानी होगी खेतों में पराली

सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : शाहजहांपुर में पराली निस्तारण के लिए कृषि विभाग किसानों के लिए अचूक फॉर्मूला लाया है. कृषि विभाग का दावा है कि गुड़, बेसन और डी-कंपोजर के चार कैप्सूल से बना घोल खेत में छिड़कने से पराली को खेत में ही सड़ा देगा. अब किसानों को पराली जलानी नहीं होगी, पराली खेत में ही सड़ाये जाने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी.

उपनिदेशक कृषि डॉक्टर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि अब किसानों को पराली जलानी नहीं होगी, जिसके लिए विभाग किसानों को डी-कंपोजर मुहैया करा रहा है. यह डी-कंपोजर कैप्सूल की शक्ल में होगा. डी- कंपोजर, गुड और बेसन का घोल बनाकर खेतों में छिड़काव किया जाएगा. दो बार छिड़काव करने से एक सप्ताह में पराली खेत में ही सड़ जाएगी.

कैसे तैयार होगा घोल डी-कंपोजर घोल?

डॉ. धीरेंद्र सिंह ने बताया कि 250 लीटर पानी में डी- कंपोजर के चार कैप्सूल, 1 किलो गुड़ और 1 किलो चने का बेसन मिलाकर उसको 24 घंटे के लिए छोड़ देना है. जिसके बाद घोल बनकर तैयार हो जाएगा. इस घोल को खेत में फैली पराली के ऊपर छिड़काव कर देना है और 2 दिन बाद फिर से पराली को पलट कर एक बार फिर से इसी घोल का छिड़काव करना है. एक सप्ताह के अंदर पराली पूरी तरह से सड़ जाएगी.

कैसे और कहां मिलेगा डी-कम्पोजर?

उपनिदेशक कृषि डॉक्टर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से यह डी-कंपोजर किसानों को निशुल्क दिया जा रहा है. किसानों को डी कंपोजर मुहैया कराने के लिए जिले के सभी राजकीय कृषि बीज भंडार पर यह डीकंपोजर उपलब्ध करा दिया गया है. यहां से किसान इसको ले सकते हैं. किसान को डी-कंपोजर लेने के लिए कोई पंजीकरण नहीं करना होगा बल्कि किसान को राजकीय कृषि बीज भंडार पर जाकर अपने खेत का रकबा, किसान को अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर बताना होगा. खेत के रकबे के हिसाब से किसान को डी- कंपोजर मुहैया करा दिया जाएगा.

प्रदेश में पहले स्थान पर रहा था शाहजहांपुर

उपनिदेशक कृषि डॉक्टर धीरेंद्र सिंह बताते हैं कि वर्ष 2022 में पूरे उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर जिले में पराली जलाए जाने की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई थी. यहां कुल 327 घटनाएं सामने आई जबकि उससे 1 साल पहले वर्ष 2021 में पराली जलाए जाने की 423 घटनाएं सामने आई थी.

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