कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने एकसाथ चुनाव के विचार पर असहमति जताई और इस कदम को लोकसभा चुनाव से पहले प्रमुख मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा की एक ‘‘चाल’’ बताया। गोहिल ने द्वारका में कहा, ‘‘पहली बात तो यह कि अभी कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है। आप महंगाई और चीन की घुसपैठ जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा प्रस्ताव लाकर चाल चल रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गुजरात इकाई ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार पर केंद्र द्वारा जोर दिए जाने का समर्थन किया है और कहा है कि लगातार चुनाव होने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं और परियोजनाओं की लागत बढ़ जाती है। हालांकि, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस कदम को महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की ‘‘चाल’’ बताया है।
राज्य भाजपा अध्यक्ष सी. आर. पाटिल ने कहा कि लोकसभा एवं विधानसभा के एकसाथ चुनाव से न सिर्फ जनता बल्कि सरकार को भी समय और धन की बचत होगी। उन्होंने कहा कि इससे परियोजनाओं की लागत घटाने में मदद मिलेगी, जिनके काम हर चुनाव से पूर्व आचार संहिता लागू होने के कारण रुक जाते हैं।
कांग्रेस ने इस विचार को बढ़ती महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए भाजपा की एक ‘‘चाल’’ बताया है।
केंद्र सरकार ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ की संभावनाओं का पता लगाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। नयी दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि कोविंद इस कवायद और तंत्र की व्यवहार्यता का पता लगाएंगे कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कैसे कराये जा सकते हैं। देश में 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ हुए थे।
पाटिल ने सूरत में पत्रकारों से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे पहले भी ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ के लाभ के बारे में विस्तार से बात कर चुके हैं और उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की प्रणाली नहीं होने के नुकसान क्या हैं। चूंकि हम ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ प्रणाली का पालन नहीं करते हैं, इसलिए देश में हर साल चुनाव होते रहते हैं और सरकारी अधिकारी इस प्रक्रिया में व्यस्त रहते हैं।’’
भाजपा नेता ने दावा किया कि इन चुनावों के दौरान लगातार आदर्श आचार संहिता लागू होने से कई विकास कार्य रुक जाते हैं जिससे लोग समय पर इसके लाभ से वंचित रह जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे परियोजनाओं की लागत भी बढ़ती है और अनियमितताओं के लिए द्वार भी खुलते हैं। पूर्व में भी हमारे प्रधानमंत्री ने विभिन्न दलों के साथ साथ आम लोगों से इस विषय पर विस्तार से चर्चा की कि हम कैसे ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ प्रणाली का पालन करके इस वित्तीय बोझ से बच सकते हैं और समय बचा सकते हैं।’’
सूरत से लोकसभा सदस्य ने कहा कि सभी पार्टियों को इस पर राजनीति करने के बजाय ‘‘राष्ट्रीय हित’’ में एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव के विचार का समर्थन करना चाहिए।
कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने एकसाथ चुनाव के विचार पर असहमति जताई और इस कदम को लोकसभा चुनाव से पहले प्रमुख मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा की एक ‘‘चाल’’ बताया।
गोहिल ने द्वारका में कहा, ‘‘पहली बात तो यह कि अभी कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है। आप महंगाई और चीन की घुसपैठ जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा प्रस्ताव लाकर चाल चल रहे हैं।
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