गुजरात: नकली टोल प्लाजा से फ्रॉड, 1.5 साल तक राहगीरों से वसूले हर दिन हजारों रुपए

अहमदाबाद. गुजरात से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सीधे तौर पर किसी फिल्मी दृश्य की तरह लगता है. दरअसल, राज्य के बामनबोर-कच्छ राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक नकली टोल प्लाजा बनाया गया था और डेढ़ साल से यात्रियों को इसके जरिए धोखा भी दिया जा रहा था.

यह टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग को दरकिनार करके गुजरात के मोरबी जिले में एक निजी जमीन पर बनाया गया था और 50 प्रतिशत कीमत भी वसूल की गई. एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इस पुल के माध्यम से एक साल से अधिक समय तक यात्रियों, पुलिस और सरकारी अधिकारियों को धोखा में रखा गया.

स्थानीय जिला कलेक्टर जीटी पंड्या ने कहा, “हमें जानकारी मिली कि कुछ वाहनों को वर्गसिया टोल प्लाजा के वास्तविक मार्ग से डायवर्ट किया जा रहा था और टोल टैक्स वसूला जा रहा था. पुलिस और अन्य अधिकारी जांच के लिए मौके पर पहुंचे और एक विस्तृत शिकायत दर्ज की.”

हाईवे पर अधिकृत टोल प्लाजा के प्रबंधक ने बताया कि निजी जमीन का मालिक डेढ़ साल से सभी यात्रियों को प्रतिदिन हजारों रुपए का चूना लगा रहा था. दैनिक तय दर का 50 प्रतिशत भुगतान करने के लालच ने यात्रियों को इस मार्ग को अपनाने के लिए प्रेरित किया और एकत्र किए जा रहे अवैध टैक्स पर एक वर्ष से अधिक समय तक किसी का ध्यान ही नहीं गया. यह पाया गया कि आरोपियों ने व्हाइट हाउस सिरेमिक कंपनी नामक एक बंद कारखाने के स्वामित्व वाली भूमि का इस्तेमाल करके ट्रैफिक को वास्तविक मार्ग से मोड़ दिया था.

पुलिस ने फैक्ट्री मालिक अमरशी पटेल और चार अन्य लोगों वनराज सिंह झाला, हरविजय सिंह झाला, धर्मेंद्र सिंह झाला, युवराज सिंह झाला और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. यह घटना राज्य में एक व्यक्ति को लगभग तीन साल तक फर्जी सरकारी कार्यालय स्थापित करने और 4 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी धनराशि की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ महीने बाद हुई है.

Tags: Gujarat, Toll plaza

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