गीतकार रवींद्र भ्रमर पुण्यतिथि: सहज काव्य के उन्नायक भ्रमर आए याद, संगोष्ठी व काव्य संध्या का हुआ आयोजन

Sahaj poetry pioneer Ravindra Bhramar remembered

डॉ. रवींद्र भ्रमर विशेषांक का विमोचन
– फोटो : संवाद

विस्तार


प्रख्यात गीतकार डॉ रवींद्र भ्रमर की 25वीं पुण्यतिथि पर साहित्यिक संस्था ”शिखर” की ओर से माधवास द ड्रीम होम्स अपार्टमेंट में संगोष्ठी और काव्य संध्या का आयोजन किया गया। अतिथियों ने शिखर की गूंज द्वारा प्रकाशित डॉ. रवींद्र भ्रमर विशेषांक का विमोचन किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. भ्रमर के पुत्र आनंद वर्धन के सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में संगोष्ठी हुई, जिसकी अध्यक्षता डॉ राजेश कुमार ने की। ओजस्वी कवि डॉ. बेताब ने डॉ. भ्रमर को हिंदी साहित्य का प्रसिद्ध कवि बताया। डॉ. प्रभाकर शर्मा ने कहा है कि डॉ. रवींद्र भ्रमर साहित्य की वह निधि हैं, जो साहित्याकाश में सदैव सूर्य की तरह प्रकाशवान रहेंगे। पूर्व विधायक विवेक बंसल ने कहा है कि डॉ. भ्रमर का व्यक्तित्व व कृतित्व निश्चित ही अनुपम है, जो उन्हें साहित्यकारों की प्रथम श्रेणी में ले जाता है। 

विवेक बंसल

वरिष्ठ साहित्यकार बलराम सरस ने कहा है कि डॉ. भ्रमर साहित्य सदैव साहित्य के नवांकुरों का पथ-प्रदर्शित करता रहेगा।  शायर बाबर इलियास ने डॉ. भ्रमर को जन कवि बताया। डॉ. राजेश कुमार ने डॉ. भ्रमर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डॉ. भ्रमर एक सहज काव्य के उन्नायक थे। उनके काव्य में शिष्ट दिखाई देती है, जो उन्हें लोकप्रिय बनाती है। 

श्रोतागण

द्वितीय सत्र में काव्य संध्या हुई। अध्यक्षता डॉ. बाबर इलियास ने व संचालन डॉ. मुजीब शहजर ने किया। काव्य संध्या का शुभारंभ डॉ. दौलत राम शर्मा ने मां सरस्वती की वंदना से किया। वरिष्ठ साहित्यकार कुमार अतुल, वरिष्ठ व्यंगकार अशोक अंजुम, बाबर इलियास, प्रेम शर्मा प्रेम,  बलराम सरस, मीनाक्षी आनंद, सुधांशु गोस्वामी, नसीर नादान, पंकज भारद्वाज, विकास कुलश्रेष्ठ, अमिताभ शर्मा, विशाल नारायण, मकसूद जालिब आदि कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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