गाजा में हर 15 मिनट में बमबारी: 2 बार घर छोड़ चुकी महिला बोली- अस्पताल इकलौती सेफ जगह थी इजराइलियों ने उसे भी नहीं छोड़ा

गाजा शहरएक घंटा पहले

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गाजा में इजराइली हमलों से 7 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। - Dainik Bhaskar

गाजा में इजराइली हमलों से 7 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

13 अक्टूबर को गाजा शहर में तसनीम अवनी अपनी ननद के साथ खाना बना रही थी। तभी इजराइली सेना ने वहां कुछ पर्चे बरसाए। इनमें लिखा था- गाजा अब जंग का मैदान है, इसे खाली कर दें।

एक छोटे से एस्बेसटोस के मकान में रह रही तसनीम और उसके परिवार ने डर के मारे गाजा छोड़ने का फैसला किया। वो कुछ जरूरी सामान और जमा पूंजी इकट्ठा कर वहां से निकल पड़े।

तसनीम कहती हैं- गाजा छोड़ते वक्त मुझे महसूस हुआ कि मेरा घर ही मेरे पास इकलौती कीमती चीज थी। उस दिन मैं और मेरे बच्चे खूब रोए थे। मेरे साथ घर छोड़ने वालो में 3 बच्चों के अलावा एक अपाहिज सास और परिवार के 12 और सदस्य भी थे।

तसनीम अकेली नहीं हैं जिन्हें जंग की वजह से अपना घर छोड़ना पड़ा हो। UN के मुताबिक 10 लाख से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। स्टोरी में तसनीम के जरिए गाजा की बदहाली को समझें…

गाजा में लोग अपने बच्चों के पेट, पैर और हाथों पर मार्कर से नाम और पता लिख रहे हैं।

गाजा में लोग अपने बच्चों के पेट, पैर और हाथों पर मार्कर से नाम और पता लिख रहे हैं।

दक्षिण गाजा की तरफ जाना मेरे लिए किसी बुरे सपने की तरह था। तसनीम कहती हैं कि रास्ते में हजारों बेघर लोग सड़कों पर पनाह लेने को मजबूर थे। मैनें रास्ते में एक औरत को देखा जो तभी मां बनी थी। वो एक हाथ से अपने पेट को संभाल रही थी, जिसमें टांके लगे थे और दूसरे हाथ में बच्चे को पकड़ा था। मैं उसकी हालत को देखकर डर गई।

हम 15 मिनट में उत्तरी गाजा से दक्षिण पहुंच गए पर ऐसा लगा जैसे मैनें कुछ मिनटों में कई दिनों का सफर तय किया हो। तसनीम ने अपने परिवार के साथ सेंट्रल गाजा के अल-जहरा शहर में अपने रिश्तेदार के यहां पनाह ली। यहां तब तक दूसरी जगहों के मुकाबले बमबारी काफी कम थी।

7 अक्टूबर के हमले के बाद इजराइल ने गाजा को बिजली, ईंधन, पानी और मानवीय सहायता बंद कर दिया था। ऐसे में तसनीम के पति, अहमद और उसका भाई बमबारी के बीच गाजा के एक पेट्रोल स्टेशन से फ्यूल खरीदने के लिए जाते थे। ताकि कुएं से पानी निकालने के लिए जनरेटर चला सकें।

वो ज्यादा समय तक यहां नहीं टिक पाए। 19 अक्टूबर की सुबह, एक बार वहां भी दहशत फैलने लगी। इजराइल ने अल-जहरा शहर में दो टावरों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए।

इजराइल की चेतावनी के बावजूद लोग फिर से उत्तरी गाजा लौटने लगे हैं।

इजराइल की चेतावनी के बावजूद लोग फिर से उत्तरी गाजा लौटने लगे हैं।

तसनीम ने कहा, “मेरे बहनोई ने मुझे चेताया कि, अगर इजराइल ने शहर में एक टावर को निशाना बनाया, तो वो सभी टावरों पर हमले करेंगे। शाम 7 बजे के आसपास, इजराइल ने 22 टावरों पर हमले शुरू कर दिए। अल-जहरा के सभी लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी जारी की।

तसनीम कहती हैं- हर 15 मिनट में इजराइली हमलों से आसमान लाल होता। हम डर से चिल्लाते थे। हम अपने बच्चों के साथ सड़कों पर थे, और वहां पनाह लेने के लिए कोई जगह नहीं थी।

सुबह 3 बजे, ठंड शुरू हो गई हमने गर्म कपड़े नहीं पहने थे, जिससे हमारी मुसीबत और बढ़ गई। वो रात, मेरे जीवन की सबसे बुरी रात थी। कोई भी शब्द वास्तव में उस भयावहता को व्यक्त नहीं कर सकता। अस्पताल पनाह लेने के लिए इकलौती सेफ जगह थी, इजरालियों ने उसे भी नहीं छोड़ा।

अगली सुबह तसनीम के परिवार के पास 2 ही रास्ते बचे थे। या तो वापस अपने घर जाकर ही मरें या गाजा में UN की तरफ से चलाए जाने वाले किसी स्कूल में पनाह लें। आखिर में उन्होंने घर लौटने का फैसला किया।

तसनीम ने कहा, “हम में से 9 लोग कार से लौटने में कामयाब रहे, जबकि हमारे परिवार के बाकी सदस्यों को लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।

गाजा में लोगों को दफनाने के लिए सामुहिक कब्र खोदी जा रही हैं, तस्वीरें…

रिश्तेदार अपने लोगों को देख पाएं इससे पहले ही अस्पताल उन्हें दफन कर रहे हैं।

रिश्तेदार अपने लोगों को देख पाएं इससे पहले ही अस्पताल उन्हें दफन कर रहे हैं।

गाजा में इजराइली हमले में मारे जा रहे लोगों का अंतिम संस्कार भी ठीक से नहीं हो पा रहा है।

गाजा में इजराइली हमले में मारे जा रहे लोगों का अंतिम संस्कार भी ठीक से नहीं हो पा रहा है।

तस्वीर गाजा के दायर अल बलाह की है, यहां कब्रिस्तान में शवों को दफन करने के लिए जगह नहीं बची है।

तस्वीर गाजा के दायर अल बलाह की है, यहां कब्रिस्तान में शवों को दफन करने के लिए जगह नहीं बची है।

गाजा में अस्पतालो के बाहर शवों के ढेर लगे हैं।

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गाजा में चर्च पर हमले के बाद अपने रिश्तेदारों की मौत पर रोते हुए फिलिस्तीनी महिला।

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