अनुज गौतम/ सागर. आज यानी 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती पर सागर केंद्रीय जेल से 17 बंदियों की रिहाई की गई है, जिसमें एक 80 साल की बुजुर्ग महिला भी शामिल हैं. वहीं जेल से बाहर जाते समय यह महिला जेल अधीक्षक के व्यवहार की वजह से भावुक हो गई, और गले से लिपट गई. उसने अपने घर पर आने के लिए भी सुपरिंटेंडेंट को निमंत्रण दिया है. बुजुर्ग अम्मा का कहना था कि साहब ने जेल के अंदर उनको भागवत सुनाने की इच्छा को पूरा किया है.
जेल से रिहा हुए बंदी 302, 307 जैसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे जिसमें 14 साल की सूखी सजा और 6 साल की माफी के बाद इन सब की रिहाई की गई है. वहीं रिहाई से पहले जेल प्रबंधन के द्वारा कैदियों के द्वारा किए गए कार्य का पैसा उनके लिए दिया गया. इसके साथ ही जिन लोगों का इलाज चल रहा था उन्हें वह पर्चे और दवाइयां दी गई और बताया गया कि बाहर भी इन्हीं पर्चो के आधार पर उनका इलाज किया जाएगा.
सभी को माला पहनाकर दी गई विदाई
सभी के लिए फूल माला पहनकर विदाई दी गई. जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने उन्हें समझाया कि आप बाहर जाकर कोई गलत काम नहीं करना है और जेल नहीं आना है इसके साथ ही इन सभी के लिए रास्ते में जाने के लिए मिठाई और खाने के पैकेट भी दिए गए.
अब गांधी जयंती पर रिहाई
जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक 15 अगस्त और 26 जनवरी पर सजा पूरी होने के बाद कैदियों की रिहाई की जाती थी. लेकिन पिछले साल से 14 अप्रैल और 2 अक्टूबर को भी रिहाई होने लगी है. इसी क्रम में इस बार गांधी जयंती पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों की रिहाई की गई है.
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FIRST PUBLISHED : October 2, 2023, 17:06 IST