गहलोत ने शपथ पत्र में ऐसे दो मामलों का जिक्र नहीं किया जो गंभीर अपराधों से जुड़े हैं : शेखावत

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जोधपुर की सरदारपुरा सीट से नामांकन दाखिल करते समय शपथ पत्र में अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामले छिपाने का आरोप लगाया।

उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता को ज्ञापन देकर कहा कि गहलोत ने जानबूझकर प्राथमिकी (एफआईआर) की जानकारी नहीं दी।
उन्होंने कहा कि नामांकन दाखिल करते समय संलग्न शपथ पत्र में गहलोत ने दो ऐसे मामलों की जानकारी नहीं दी जो संज्ञेय एवं गंभीर प्रकृति के हैं।

शेखावत ने जयपुर में ज्ञापन देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, नामांकन पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने खिलाफ चल रहे दो ऐसे मामलों का जिक्र नहीं किया है जो संज्ञेय हैं और गंभीर अपराधों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत को मुकदमों की पूरी जानकारी थी फिर भी शपथ पत्र में उनका जिक्र नहीं किया गया।


उन्होंने कहा, ‘‘ एक मामला भूमि घोटाले से संबंधित है और दूसरा लूट और बलात्कार जैसे अपराध से संबंधित है। उन्होंने अपने शपथपत्र में दोनों मामलों के संबंध में जानकारी छिपाई है जो लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा 25 ए के तहत संज्ञेय है। ’’ 
उन्होंने कहा, हमने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि इस पर संज्ञान लेकर वह समुचित कार्रवाई करे। ’’

जोधपुर में इसी आधार पर गहलोत के नामांकन पर आपत्ति जताए जाने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव अधिकारी से ब्योरा मांगा है।
चुनाव आयोग द्वारा कल की गई जांच में गहलोत के नामांकन पत्र को सही पाए जाने के बाद शिकायतकर्ता पवन पारीक ने शिकायत दर्ज कराई।

पारीक ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि इस नामांकन में गहलोत ने मनगढ़ंत और झूठा शपथ पत्र दाखिल किया है और उनके नामांकन को खारिज करने के साथ ही उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।


शिकायत में कहा गया है गहलोत को अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए थी लेकिन यह अधूरा था और दो आपराधिक मामलों को छुपाया गया है।


जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि आपत्ति दर्ज कर संबंधित चुनाव अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद हम मामले की जांच करेंगे।
इस मामले पर गहलोत के कार्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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