नई दिल्ली. हाईवे हो या महानगर सभी जगह… भारी वाहनों के लिए एक लेन तय होती है. बिल्कुल बाएं ओर की लेन भारी वाहनों के लिए होती है, पर कई बार भारी वाहन चालक गलत लेन में चलते हैं. ऐसे में दूसरे वाहन चालकों को परेशानी होती है और हादसे की आशंका पैदा हो जाती है. और कई बार हादसे की वजह भी गलत लेन में ड्राइविंग बनता है. पिछले दिनों दिल्ली मेरठ एक्सप्रपेसवे पर गलत लेन में बस चलाने से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत भी हो गयी थी. यहां पर सवाल उठता है कि वाहन चालक गलत लेन में मजबूरी में चलाता है या फिर लापरवाही का नतीजा होता है. ट्रैफिक पुलिस अधिकारी इसकी कई वजह बताते हैं, आप भी जानें…
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी एसके सिंह बताते हैं कि भारी वाहनों के लिए बिल्कुल बाईं ओर की लेन रिजर्व होती है. ट्रक, बस या अन्य भारी वाहनों को इसी लेन में चलना होता है. लेकिन राजधानी में कई बार भारी वाहन बिल्कुल बाएं न चलकर उसके बाद की लेन में चलते हैं. डीसीपी बताते हैं कि राजधानी में बिल्कुल बाएं लेन में लोग वाहन पार्क कर देते हैं या वाहन खड़ाकर इंतजार करते हैं. इसी वजह से इस तरह की तमाम समस्याएं सड़कों देखी जा सकती हैं. वाहन चालक बिल्कुल बाएं न चलाकर बगल की लेन में चलाते हैं. हालांकि गलत लेने में ड्राइविंग करने पर चालान भी किया जाता है. दिल्ली में 10000 रुपये का चालान होता है.
वहीं, कर्नाटक पुलिस के बेंगलुरु में तैनात ट्रैफिक इंस्पेक्टर डॉ. अनिल कुमार पी ग्रामपुरोहित बताते हैं कि हाईवे पर तमाम ट्रक चालक अपनी लेन में न चलकर दूसरी लेन में चलते हैं. कर्नाटक पुलिस गलत लेन में चलने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी करते हैं. ट्रक चालकों से इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बिल्कुल बाईं लेन में गड्ढे हो जाते हैं, क्योंकि हाईवे के आसपास के गांवों के ट्रैक्टर से लेकर अन्य वाहन बाईं ओर की लेन से चलते हैं, इस वजह से सड़कें टूट जाती हैं. ट्रैफिक इंस्पेक्टर यह भी मानते हैं कि कहीं-कहीं बाईं ओर की लेन टूटी हो सकती है, लेकिन हर जगह टूटी हो, ऐसा नहीं हो सकता है.
हाईवे में गड्ढे के संबंध में सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन बताते हैं कि एनएचएआई अब सड़कों की मरम्मत पर ध्यान देगी.
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FIRST PUBLISHED : January 5, 2024, 20:35 IST