गर्व की बात: बांका के किसान का बेटा सुप्रीम कोर्ट में बना AOR, CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने दी बधाई

हाइलाइट्स

किसान के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में गाड़ा कामयाबी का झंडा.
बांका के किसान का बेटा बना सुप्रीम कोर्ट में एओआर.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने दी राकेश कुमर सिंह को बधाई.

बांका. बिहार के बांका जिले के रमचुआ के किसान परिवार का बेटा राकेश कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के एओआर की परीक्षा पास कर ली है. सुप्रीम कोर्ट को मिले 198 एओआर में राकेश भी शामिल हैं. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने सभी नए एओआर को बधाई दी. संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक, सिर्फ एओआर यानी एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के रुप में नामित वकील ही अपेक्स कोर्ट में मामले दायर कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में बने एओआर- सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी एक अधिसूचना में ये जानकारी दी गई है कि शुक्रवार को आयोजित पूर्ण अदालत की बैठक में फैसला लिया गया कि सभी नए ए़डवोकेट ऑन रिकॉर्ड 19 जनवरी 2024 से नामित हो जाएंगे. राकेश एओआर बनकर न सिर्फ सही मुद्दों को उठाना चाहते हैं बल्कि उन्होंने बताया कि पहले भी वो किस तरह लोगों को न्याय दिलाने के लिए तत्पर रहे हैं. राकेश कार्यरत सैनिकों, रिटायर्ड सैनिकों और सेवा के दौरान विकलांग सैनिकों के साथ ही उनके परिवार को भी न्याय दिलाने में उल्लेखनीय कार्य कर चुके हैं.

क्या होता है एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड
सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड पर एडवोकेट ऑन रिकॉड वह अधिवक्ता होता है, जो उसके समक्ष सही, अपने अधिकार के रूप में, उपस्थित हो सकता है, वकालत कर सकता है और संबोध‌ित कर सकता है. दूसरे अधिवक्ता (Non-AoR), यदि वे कोर्ट को संबोधित करना चाहते हैं, तो या तो उन्हें एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड की ओर से निर्देश दिया जाना चाहिए या कोर्ट की ओर से अनुमति दी जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट रूल्स, 2013 के आदेश IV का नियम 1
यह स्पष्ट करता है कि किसी पक्ष की ओर से एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के अलावा कोई अधिवक्ता उपस्थित नहीं करेगा, पैरवी या संबोधन नहीं करेगा, जब तक कि उसे एडवोकेट-ऑन द्वारा निर्देश नहीं दिया जाता है, या अदालत अनुमति नहीं देगी. नियम 5 एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के रूप में पंजीकृत होने की अधिवक्ता की योग्यता से संबंधित है. अनिवार्य प्रशिक्षण, एओआर परीक्षा उत्तीर्ण करने अलावा, एओआर से यह अपेक्षा होती है कि सुप्रीम कोर्ट से 16 किलोमीटर के दायरे में दिल्ली में उसका एक कार्यालय हो. वह एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के रूप में पंजीकृत होने के एक महीने के भीतर एक पंजीकृत क्लर्क को नियुक्त करने का वचन भी देगा. सुप्रीम कोर्ट ने ये नियम और एओआर सिस्टम संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत अपनी शक्तियों को प्रयोग करके बनाए हैं.

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