गर्भवती महिला-बीमार बच्चों के लिए वरदान बना बाइक एंबुलेंस, ऐसे हो रहा काम

लखेश्वर यादव/ जांजगीर चांपा/सुकमा:छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला नक्सल प्रभावित है. इस जिले के कई ब्लॉक, गांव ऐसे हैं, जहां विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आज भी सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है. जिस कारण से यहां वनांचल और नदी नाले पहाड़ियों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ स्वास्थ सुविधा के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

आपको बता दें कि सुकमा जिले के कोंटा ब्लाक के किस्टाराम ,गोलापल्ली और आस पास के कई गांव है, जहां नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से सुगम सड़क नहीं होने के कारण एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती थी. जिसके कारण किसी समय प्रसव से गर्भवती महिलाओं की मृत्यु भी होती जाती थी. वहीं अब मोटर बाइक एम्बुलेंस से स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है.

बाइक एम्बुलेंस कारगर
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किस्टाराम के प्रभारी डॉक्टर हिमांशु जायसवाल ने बताया कि सुकमा जिले के कोण्टा ब्लॉक में जिस क्षेत्र में एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. उन स्थानों पर जिला प्रशासन सुकमा एवं समाज सेवी संस्था कोंडागांव के संयुक्त सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किस्टाराम में पगडंडियों के रास्ते मोटर बाइक एम्बुलेंस का उपयोग किया जा रहा है. अब यह मोटर बाइक एम्बुलेंस किस्टाराम इलाके गांव में गर्भवती महिलाओं और बच्चों और अन्य मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है.

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उन्होंने बताया कि उनके द्वारा खुद अलग अलग नक्सल प्रभावित इलाके में जाकर गर्भवती महिलाओं का उपचार करने के साथ-साथ स्थिति को देखते हुए गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क मोटर बाइक एम्बुलेंस से किस्टाराम स्वास्थ्य केंद्र लाकर सुरक्षित प्रसव कराया जा रहा है. वहीं बाइक एंबुलेंस वनांचल क्षेत्र में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए कारगर साबित हो रहा है.

Tags: Chhattisgarh news, Local18

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