“गद्दारी हो जिसकी बुनियाद…” : BJP-JJP गठबंधन टूटने पर दुष्यंत चौटाला के चाचा अभय चौटाला ने ऐसा क्यों कहा?

इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के नेता और ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला (Abhay Chautala)  ने BJP-JJP गठबंधन टूटने दुष्यंत चौटाला का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधता है. चौटाला ने X पर लिखा, “गद्दारी हो जिसकी बुनियाद, अंजाम-ए-मीनार होना ही था बर्बाद!” बता दें कि INLD के नेतृत्व को लेकर अभय चौटाला और दुष्यंत सिंह चौटाला के बीच टकराव रहा है. बाद में दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (JJP) बना ली थी.

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BJP पर भी साधा निशाना

अभय चौटाला ने BJP को भी निशाने पर लिया. एक दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, “CM बदल कर BJP ने कबूला है कि वो प्रदेश को बर्बाद कर रहे थे. लोगों ने तो BJP को 2019 में ही हरा दिया था, वो तो गद्दारों की मदद से सरकार बन गई. उस ठगबंधन ने साढ़े 4 साल लूट मचाई. भ्रष्टाचार किया और चुनाव आते ही एक नाटक रच दिया. इसका मतलब तुम मान रहे हो कि चुनाव बुरी तरह हार रहे हो. जनता को भी विचार करना चाहिए कि ये फैसला आज ही क्यों हो रहा है, पहले क्यों नहीं हुआ?”

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2018 में हुई JJP की स्थापना

JJP का गठन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में INLD और उनके प्राथमिक परिवार के भीतर विभाजन के बाद हुआ था. अभय चौटाला मूल पार्टी के साथ बने रहे. लेकिन ओम प्रकाश चौटाला के बेटों दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला ने 2018 में JJP की स्थापना की. अपने गठन के एक साल बाद JJP ने 2019 के हरियाणा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 सीटें जीतीं. 

JJP ने खत्म कर दिया INLD का सपोर्ट बेस

जननायक जनता पार्टी ने अपनी मूल पार्टी INLD के सपोर्ट बेस को खत्म कर दिया. INLD हरियाणा विधानसभा में सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई. हरियाणा में सरकार बनाने के लिए JJP ने BJP के साथ गठबंधन किया. डील के मुताबिक, दुष्‍यंत चौटाला को सरकार में डिप्टी सीएम पद मिला. जबकि JJP को तीन कैबिनेट मंत्री पद भी दिए गए थे.

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लोकसभा सीटों को लेकर चल रही थी अनबन

कई महीनों से BJP और JJP के अलग होने की अटकलें चल रही थीं. कथित तौर पर दुष्‍यंत चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी ने हरियाणा में 2 लोकसभा सीटों की मांग की थी, जबकि BJP राज्य की सभी 10 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारना चाह रही थी. कई दौर की मीटिंग के बाद BJP ने हरियाणा में JJP को सिर्फ एक सीट की पेशकश की थी. 

BJP ने निकाला सरकार बदलने का रास्ता

बात नहीं बनने पर BJP ने दूसरा रास्ता निकाला. पार्टी की रणनीति के तहत मनोहर लाल खट्टर सरकार ने इस्तीफा दे दिया और नायब सिंह सैनी को नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया. चूंकि सीएम के इस्तीफे के बाद कैबिनेट को भी इस्तीफा देना जरूरी होता है. लिहाजा न चाहते हुए भी दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम की कुर्सी खो देनी पड़ी.

 

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