गणेश चतुर्थी के दिन करें इस तरह गजानन की पूजा, बुध और केतु ग्रह से मिलेगी शांति

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर 2023 को पूरे देश भर में मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी का पर्व खासकर महाराष्ट्र में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के उपलक्ष में मनाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति लाकर घर में स्थापित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने से कुंडली में अशांत ग्रहों को शांत किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं किन ग्रहों की स्थिति को शांत किया जा सकता है।

भगवान गणेश के पूजा से इन ग्रहों की होती है शांति

शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा करने से खासकर दो ग्रह केतु और बुध फल प्रदान करते हैं। यदि कोई जातक गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा विधि-विधान से करते हैं, तो कुंडली से बुध और केतु ग्रह शांत हो जाते हैं।

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बुध ग्रह

शास्त्र के अनुसार, कुंडली में बुध ग्रह को बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। बुध ग्रह की उच्च राशि कन्या और नीच राशि मीन को माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, लेखन, शिक्षा, मनोविनोद, प्रकाशन, बिजनेस आदि ग्रह का कारक माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी जातक के कुंडली में बुद्ध ग्रह होने से बुद्धि, वाणी और कारोबार में वृद्धि होती है।

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केतु ग्रह

केतु ग्रह को पाप ग्रह कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, केतु ग्रह को छाया ग्रह भी कहा जाता है। इस ग्रह को वैराग्य, कल्पना, बुद्धि, ज्ञान और मानसिक गुणों का कारण माना गया है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, केतु ग्रह जातकों को हटकर काम करने के लिए हर समय विवश करते रहते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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