गजब! बिजली से नहीं बल्कि पानी से जलती है यह लैंप, कीमत सुन हो जाएंगे हैरान

मोहन ढाकले/बुरहानपुर. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में आज भी ब्रिटिश काल की वस्तुएं लोगों ने संजो कर रखी हुई हैं. ब्रिटिश काल में बिजली की व्यवस्था नहीं होने पर घरों में, महलों में लैंप जलाए जाते थे, लेकिन यह एक ऐसी लैंप है, जो बिना बिजली और बिना मिट्टी के तेल से जलती है. इसको पानी और कॉर्बेट से जलाया जाता है, जो अंधेरे में रोशनी कर देता है.

जब लोकल 18 की टीम ने पुरातत्व संग्रहणकर्ता सुभाष माने से बात की तो उन्होंने बताया कि यह ब्रिटिश काल की लैंप है. पानी और कॉर्बेट से जलती है. कार्बेट का उपयोग आज के दौर में कच्चे फलों को पकाने के लिए किया जाता है. आज भी लैंप अंधेरे में रोशनी करने का काम करती है. ब्रिटिश काल में बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण इस तरह की लैंप का उपयोग किया जाता था. तब मिट्टी का तेल मिलना भी बहुत मुश्किल होता था. इसलिए लोग इस तरह के लैंप बनाते थे.

आने में होती थी इस लैंप की कीमत

सुभाष माने बताते हैं कि ब्रिटिश काल में एक आना दो आने की बहुत कीमत होती थी. उतनी राशि में यह लैंप मिल जाती थी. आज के दौर में यदि आप इलेक्ट्रॉनिक लैंप लेते हैं तो उसकी कीमत करीब 3 से ₹5000 की होती है.

राजा महाराजा इसका करते थे उपयोग
राजा महाराजा अपने महलों में और सफर पर निकलने के दौरान पानी और कॉर्बेट वाली लैंप का उपयोग करते थे. पानी और कॉर्बेट आसानी से मिलने के कारण उन्हें कोई परेशानी नहीं होती थी. इसलिए ब्रिटिश काल में इस तरह की लैंप ज्यादा चलन थी. पानी में कार्बेट मिलाकर हिलाने से गैस बनती है, जिससे यह लैंप जलता है.

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