गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहा बिहार का यह गांव, यहां मुस्लिम महिलाएं भी करती हैं छठ व्रत

नीरज कुमार/बेगूसराय : लोक आस्था का महापर्व छठ हिंदुओं तक सीमित नहीं है. हिंदू भाइयों की मनोकामना मस्जिद में पूरी होती है तो मुस्लिम भाइयों की मनोकामना मंदिर में पूर्ण होती है. लोगों की आस्था और विश्वास लगातार बढ़ता जा रहा है. छठपर्व ने धर्म की दीवार को तोड़ने का काम किया है. कोई ऐसी मुस्लिम महिलाएं हैं जो मनोकामना पूर्ण होने के बाद छठ व्रत पूरे विधि-विधान के साथ करती है आ रही है.

यह पर्व गंगा-जमुनी अपनी तहजीब का मिसाल भी पेश करने का भी काम कर रहा है. बेगूसराय जिला में भी इसकी बानगी की देखने को मिल रही हैबिहार के बेगूसराय में छठ पूजा को लेकर दो मुस्लिम परिवार चर्चाओं में बना हुआ है. छठ माता की असीम कृपा से उनकी मनोकामना पूर्ण हुई है तो पूरे विधि-विधान के साथ लगातार व्रत कर रहे हैं. छठ पर्व को करने में पड़ोसी पूरी मदद करते हैं.

पड़ोसी की मदद से संपन्न होता है महापर्व

बिहार में छठी मैया की कृपा ऐसी है कि श्रद्धा-भक्ति की सरिता में दूसरे धर्म और समुदाय वाले भी सराबोर हो रहे हैं. उदाहरण के तौर पर हम बात कर रहे हैं बिहार के बेगूसराय जिला अंतर्गत विक्रमपुर पंचायत के वार्ड चार के रहने वाले सबरी खातून और असमा खातून ऊर्फ सर्वरी की. दोनों परिवार के सदस्य पिछले 10 वर्षों से छठ पर्व बूढ़ी गंडक नदी के किनारे विक्रमपुर घाट पर पूरे नेम-निष्ठा के साथ करते हैं.

छठ व्रत करने में पड़ोसी हिंदू भाई पूरी तरह से मदद करते हैं. यही वजह है कि इन्हें ज्यादा परेशानी नहीं होती है. पड़ोसी प्रसाद तैयार करने से लेकर अन्य प्रकार की तैयारी में मदद करते हैं. पड़ोसियों ने बताया कि दोनों महिला के पति इन्हें छोड़कर दूसरी शादी कर ली. इसी वजह से आर्थिक रूप से काफी गरीब है. लोगों का कहना है कि छठ पर्व करने में 5 हजार खर्च हो जाता है. जिस वजह से पड़ोसी छठ पर्व संपन्न होने तक मदद करते हैं.

दोनों महिला अलग-अलग कारणों से कर रही है छठ

मो. असमा खातून ने बताया कि बेटी को संतान सूख की प्राप्ति नहीं हो पा रहा था. इसके लिए छठी मैया से संतान प्राप्ति की प्रार्थना की. छठ मैया की असीम कृपा बरसी तो बेटी को तीन संतान की प्राप्ति हुई. जिसके चलते छठ मैया के प्रति आस्था बढ़ गया. यही वजह है कि पिछले 10 वर्षों से छठ करते आ रहे थे. इस बार समाप्त हो जायेगा.

वहीं सर्वरी खातून ने बताया कि मानसिक रूप से अस्वस्थ था. काफी इलाज करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा था. इसके बाद छठी मैया से मन्नत मांगी की शरीर स्वस्थ हो जाएगा तो 3 वर्षों तक छठ करेंगे. छठ मैया की कृपा से बीमारी ठीक हो गई. इसके बाद छठ पर्व पूरी नाम निष्ठा के साथ पड़ोसियों की मदद से कर रहे हैं.

Tags: Begusarai news, Bihar News, Chhath Puja

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