खौफ में है ISI? पाकिस्तान में लश्कर के आतंकी की हत्या और डर गई पाक खुफिया एजेंसी

नई दिल्लीः पाकिस्तान के कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर के एक पार्क में मौलवी मौलाना जियाउर्रहमान की हत्या ने एक बार फिर पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई को सवालों के घरे में खड़ा कर दिया है. जियाउर्रहमान की हत्या ने उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और उनकी धार्मिक आस्था के कायल लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. पाकिस्तान में वर्तमान समय में कई मौलवी गैर-धार्मिक कार्यक्रमों में लगे हुए हैं और उनमें से कई को अलग-अलग वजहों से नियमित रूप से बर्खास्त किया जा रहा है. रहमान की हत्या दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उस वक्त रहमान शाम की सैर पर निकले थे.

हालांकि इस हत्या से ना तो पाक पुलिस और ना ही सेना को कोई फर्क पड़ा होगा. क्योंकि रहमान एक लश्कर ऑपरेटिव था और उसकी हत्या बिल्कुल खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की तरह की गई है. आतंकवाद मामले में भारत द्वारा वांछित पंजवार की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर उस वक्त हत्या कर दी, जब वह सुबह की सैर के लिए बाहर निकले हुए था. दोनों ही मामलों में वारदात को अंजाम देने का तरीका एक था.

ISI घटनाक्रम पर नजर रखने वाले सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी और भारत के खिलाफ आतंक बढ़ाने वाले ने अपनी लगभग एक दर्जन लोगों को सुरक्षित घरों में रखा है. रहमान की हत्या की सूचना बीते 12 सितंबर को दी गई थी. स्थानीय पुलिस को घटनास्थल से 11 कारतूस मिले थे. जिनमें से कुछ 9 एमएम के थे. सूत्रों ने बताया कि वह जामिया अबू बकर नाम के एक मदरसे में प्रशासक के तौर पर काम कर रहा था, जो उसकी आतंकवादी गतिविधियों का अड्डा था.

पाकिस्तानी पुलिस की प्रेस रिलीज के मुताबिक रहमान की हत्या को आतंकवादी हमला बताया गया है. पाकिस्तानी पुलिस ने इसे टारगेट किलिंग माना है. कराची में धार्मिक उपदेशकों पर हमलों की एक श्रृंखला के बाद रहमान की हत्या की गई है. ये सभी आईएसआई के माध्यम से आतंकवादी समूहों से जुड़े थे और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें लॉन्च पैड पर लाने में शामिल थे जहां से उन्हें भारत पर हमला किया जाता है.

Tags: Isi, Pakistan

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