रांची. झारखंड की चंपाई सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के चार मंत्रियों के स्थान पर नए चेहरों को शामिल करने की मांग ने तूल पकड़ लिया है. कांग्रेस के 12 विधायक इस मांग को लेकर आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं. इन विधायकों ने शनिवार शाम को दिल्ली का रुख किया. पहले कहा जा रहा था कि ये विधायक बैंगलुरु या जयपुर रवाना हो सकते हैं.
झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही चंपाई सोरेन सरकार मुश्किल में फंस गई है. मंत्री पद नहीं मिलने से कांग्रेस 12 विधायक बगावत पर उतर आए हैं. झारखंड विधानसभा में कांग्रेस के 16 विधायक हैं. इनमें से चार के मंत्री बनने के बाद दो तिहाई यानी 12 विधायक अपने ही मंत्रियों को हटाने का प्रस्ताव ला रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर विधायकों की नाराजगी बढ़ी तो पार्टी टूट सकती है और विधायकों की विधानसभा सदस्यता भी बची रह सकती है.
जानें विधानसभा में सीटों का समीकरण
जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (जेएमएम-29, कांग्रेस-17 और एक राजद) हैं. आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को दोबारा मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायकों ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले रांची सर्किट हाउस में हंगामा किया और इसका बहिष्कार करने की योजना बनाई.
समझें पूरा गणित
गौरतलब है कि राज्य में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक हैं, जिसमे जेएमएम-29, कांग्रेस-17 और राजद का एक विधायक. बीजेपी के पास 26 और आजसू पार्टी के पास तीन विधायक हैं. दो निर्दलीय विधायकों के अलावा राकांपा और सीपीआई (एमएल) के एक-एक विधायक हैं. एक मनोनीत सदस्य भी है.
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FIRST PUBLISHED : February 18, 2024, 14:57 IST