खेत है या सोने की खान,एक ही जगह पर 10 तरह की फसल,बंपर पैदावार मालामाल है किसान

 शशिकांत ओझा/पलामू. पलामू जिला हमेशा से सुखाड़ प्रभावित जिला रहा है.जहां लगभग हर साल किसानों को सुखा का दंश झेलना पड़ता है.जिससे तंग आकर किसान पलायन भी करते है.वहीं अगर किसान इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से खेती करे तो उन्हें बेहतर लाभ मिल सकेगा. इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम ऐसा माध्यम है.जहां किसान एक ही जगह पर कई तरह की फार्मिंग कर सकते है.जिससे किसानों को दुगना मुनाफा होगा.इस माध्यम से किसान अपने आय को बढ़ा सकते है.वहीं अगर एक फसल में मुनाफा नहीं होता तो उनके पास दूसरा फसल लाभ दे देता है.

कृषि वैज्ञानिक प्रमोद कुमार ने कहा कि एकीकृत फसल प्रणाली वह मॉडल है. जिसमें किसान एक ही जगह पर तरह-तरह की फार्मिंग संबंधित गतिविधी कर सकते है. एक ही जगह पर कई तरह की फसलें उगाना, पॉल्ट्री करना और मछली पालन व अन्य फार्मिंग कर छोटे किसान को बहुत लाभ मिल सकता है. वहीं, डबलिंग फार्मिंग के लिए किसना अपने खेत में फसल के साथ तलाब बनवाकर मछली पालन कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है. तलाब बनाने से वो जल संचयन भी कर सकेंगे.इसके साथ साथ किसान डेयरी, बकरी पालन, सुकर पालन कर सकते है. इससे किसानों को कई तरह से मुनाफा है.अगर किसान की फसल बर्बाद भी हो जाती है.तो उनके आय के श्रोत बंद नहीं होते.

वातावरण के साथ खेत भी होता है मजबूत
उन्होंने बताया कि एकीकृत फसल प्रणाली से वातावरण भी प्रदूषित नही होता है.वहीं गाय के गोबर से खेत और अच्छा बनता है. किसान अगर बत्तख पालन करते है तो बत्तख के मल मछली के भोजन होते है.जिससे मछली पालन में भी सहायक होता है.ये प्रणाली में कृषि करना एक दूसरे के पूरक के समान है. जिससे किसानों को कभी नुकसान नहीं होगा.इंटीग्रेटेड फार्मिंग को आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है.जिससे जुड़कर किसान बेहतर लाभ कमा सकते है.

Tags: Agriculture, Jharkhand news, Latest hindi news, Local18, Palamu news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *