अनुज गौतम/सागर: बुंदेलखंड ही नहीं, देश में अधिकतर जगह किसान अपनी खेती से एक साल में दो या तीन बार ही फसल ले पाते हैं. जब उनकी फसल आती है तो औने-पौने दामों में खरीदी की जाती है. लेकिन, सागर के एक किसान ने ऐसा गजब फार्मूला तैयार किया है, जिससे साल भर फसलों की पैदावार होगी.
इसकी वजह से आय का रोटेशन बना रहेगा और किसानों की आए दिन कमाई होगी. किसान के फार्मूले से एक एकड़ में 5 लाख तक का प्रॉफिट आराम से कमाया जा सकता है. जैविक कृषि विशेषज्ञ आकाश चौरसिया ने अपने प्रयोग में एक साथ 44 फसल लगाने का नवाचार किया है, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली है.
एक एकड़ से 6 लाख तक की कमाई
आकाश ने पिछले साल फरवरी में करीब सवा एकड़ में 44 फसलों को एक जगह पर लगाकर प्रयोग किया था, जिसमें उन्होंने पाया कि इस तरह से फसल लगाने से कम पानी और कम जगह लगती है. काम खाद भी लगता है और मेहनत भी कम लगती है. वहीं, मुनाफा अधिक होता है. अगर फसलों के दाम अच्छे मिल जाएं तो कमाई 6 लाख तक भी पहुंच सकती है. उन्होंने एक एकड़ खेती में चार से 5 लाख तक की कमाई की है.
ऐसे तैयार होता है मल्टी लेयर मॉडल
आकाश बताते हैं कि 44 फसल लगाने में मल्टी लेयर पद्धति का इस्तेमाल किया गया है. इस मॉडल में वह खेत में देसी ग्रीन हाउस तैयार करते हैं. इसके अंदर तीन-तीन फीट के बेड बनाए हैं. यहां उन्होंने जमीन के अंदर मिट्टी पर उगने वाली और बेल व फल वाले पौधे लगाए हैं. एक साथ यह जमीन 4 फसलें देती है. इस खेत को तैयार करने के लिए उन्होंने बांस, ग्रीननेट, घास, वर्मी कम्पोस्ट, वर्मी वाश का उपयोग किया है.
इन 44 फसलों पर किया प्रयोग सफल
44 फसलों में जमीन के अंदर अदरक, पीली हल्दी, काली हल्दी, सफेद हल्दी लगाई. पत्ती वाली फसल में धनिया, पालक, चौलाई, मेथी नार्मल, लाल भाजी, नोरपा भाजी, चेतुआ भाजी, नोनिया भाजी, कस्तूरी मैथी, राजगिरा भाजी लगाई. लता वाली फसलों में लौकी, गिलकी, तोरई, टिंडा, ककड़ी, करेला, खीरा, परवल, कुंदरू, ककोड़ा, तरबूज, खरबूज और फल वाली फसलों में पपीता, सहजन, केला लगाया. इसमें 24 से 25 फसलें पूरी तरह से खेत से निकल चुकी हैं. 12 से 14 पर काम लगा हुआ है. बाकी फसलें जल्द टूटेंगी. इन फसलों के निकलने से जगह खाली हुई है और वहां पर दूसरी फसलें लगा दी गई है.
हर महीने देते हैं निशुल्क प्रशिक्षण
सागर के आकाश चौरसिया मल्टी लेयर फार्मिंग के जनक हैं. वह साल 2014 से एक ही जगह पर एक ही समय में मल्टी लेयर पद्धति से चार फसलें ले रहे हैं. उनके इस आविष्कार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं. आकाश ने सागर के कपूरिया स्थित अपने खेत में एक आदर्श जैविक खेती का मॉडल तैयार किया है. यहीं पर किसानों को हर महीने तीन दिन 26 से 28 तारीख तक का निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं, ताकि किसान जैविक खेती से जुड़ें और प्रयोग को अपनाकर अच्छी कमाई कर सकें.
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FIRST PUBLISHED : February 1, 2024, 16:25 IST