रजत भट्ट/गोरखपुर. गोरखपुर एम्स में नई शुरुआत होने जा रही है. इसके जरिए गर्भ में पल रहे बच्चों के बीमारियों का पता डॉक्टर पहले ही लगा लेंगे और उसका इलाज भी संभव हो सकेगा. अब तक यह सुविधा सिर्फ लखनऊ में मौजूद थी. लेकिन अब एम्स में इसकी सुविधा शुरू होने के बाद शहर के लोगों को यहीं पर वह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. जल्दी एम्स में इसके लिए निदान केंद्र शुरू किया जाएगा. एम्स के बायोकेमेस्ट्री डिपार्टमेंट में इस सेंटर का संचालन होगा.
गोरखपुर एम्स में निदान केंद्र शुरू होने से नवजात शिशुओं को बीमारियों से बचाया जा सकेगा. बायोकेमेस्ट्री डिपार्मेंट के डॉक्टर प्रभात सिंह ने बताया कि, इसके शुरू होने से गर्भ में पल रहे बच्चों की बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा. साथ ही गर्भवतियों की स्क्रीनिंग भी हो सकेगी और गर्भावस्था में सामान्य बीमारियों का इलाज होगा. इसके साथ ही वहीं कुछ ला इलाज बीमारी भी होती है जिसके बारे में हसबैंड वाइफ को पहले ही बताया जा सकेगा. डॉक्टर ने बताया कि केंद्र में बीमारियों की पहचान के बाद दंपतियों का इलाज भी कराया जाएगा.
डॉक्टर कर सकेंगे बीमारियों की पहचान
इस केंद्र के खुलने से नवजात बच्चों को काफी मदद मिलेगी. साथ ही जांच के बाद कुछ ऐसे मामले होते हैं जिसमें जन्म के बाद बच्चों का इलाज किया जाएगा. ताकि वह नॉर्मल लाइफ जी सके वहीं एम्स की कार्यकारी डायरेक्टर डॉक्टर सुरेखा किशोर बताती हैं कि, गर्भावस्था की पहली तिमाही काफी अहम होती है इस समय औरतों के गर्भावस्था की सही जानकारी मिलती है. साथ ही डीएनए सीक्वेंसिंग के जरिए बच्चों में होने वाले बीमारियों का पहचान किया जा सकता है और उनका सही समय पर इलाज होता है. जिससे आने वाले समय में बच्चा नार्मल जिंदगी जी सके.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2023, 09:41 IST