खुद के सपने नहीं हुए पूरे… तो नहीं मानी हार, आज यह काम कर रिंकू युवाओं के लिए बने मिसाल

सोनिया मिश्रा/ चमोली : भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का सपना देखने वाला रिंकू भले ही अपने सपने पूरा नहीं कर पाया हो, लेकिन आज चमोली जिले के नजदीकी गांवों के सैकड़ों युवाओं के सपने पूरे करने में वह पसीने बहा रहा है.

चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर के नजदीकी गांव पापड़ियाना के 24 वर्षीय रविंद्र सिंह नेगी ‘रिंकू’ युवाओं के लिए अब प्रेरणा बन गए हैं. पहाड़ के हर युवा की तरह रिंकू ने भी देशसेवा का जज़्बा लेकर 2017-18 में कोशिश की, लेकिन किन्हीं कारणों से सेना में वह भर्ती नहीं हो पाया. रिंकू ने अपनी असफलता को अपनी ताकत बनाते हुए गोपेश्वर में रहने वाले दूर-दूर के गांवों से आए युवाओं को  निशुल्क फिजिकल ट्रेनिंग देनी शुरू की और तब से आज तक रिंकू के सानिध्य में ट्रेनिंग करने वाले दर्जनों युवा देश की सीमाओं पर तैनाती दे रहे हैं, रिंकू सिंह बताते हैं कि वह एक गरीब परिवार से आते हैं और ट्रेनिंग के दौरान हजारों खर्च कर पाने में असफल थे. अपनी इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने जरूरतमंद युवाओं  के लिए एक एकेडमी खोली और  सेवानिवृत्ति पोखरी निवासी संदीप सिंह के सानिध्य में सेना में भर्ती होने की बारीकियां सीखी. आज वह युवाओं को एक साथ ट्रेनिंग दे रहे हैं. जिसका परिणाम है कि आज उनके कई छात्र भारतीय सेना में अलग-अलग जगह पर देश सेवा कर रहे हैं. कई बच्चे अग्निवीर में भी भर्ती हो चुके हैं.

यह कहते हैं चयनित अभ्यर्थी

रिंकू सिंह से ट्रेनिंग ले रहे मठ झडेता निवासी सुमित बताते हैं कि वह ढाई तीन साल से  भारतीय सेना में जाने की तैयारी कर रहा है. वहीं देवाल निवासी संदीप जोशी बताते हैं कि वह घर से बहुत दूर यहां पर आए हुए हैं और घर की स्थितियां ऐसी नहीं हैं कि पढ़ाई के साथ-साथ ट्रेनिंग का भी खर्चा उठा पाए. रिंकू सिंह ने निशुल्क ट्रेनिंग देकर उनकी इस समस्या का समाधान करवाया और वह लगातार रिंकू सिंह के सानिध्य में भारतीय सेना में जाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. दशोली ब्लॉक के निजमुला निवासी विकास कहते हैं कि उनके माता-पिता गांव में खेती बाड़ी कर अपनी आजीविका चलाते हैं, जिससे केवल पढ़ाई तक ही खर्चा उठा पाते हैं. इसके अलावा अगर भविष्य को लेकर कहीं पर प्रशिक्षण लेना है या ट्रेनिंग करनी है तो यह संभव नहीं था, लेकिन रिंकू सिंह द्वारा शुरू किये गए इस सराहनीय पहल से उन लोगों के भविष्य को सही दिशा मिलने की उम्मीद जगी है.

शासन प्रशासन से मदद मिलने पर और भी मिल सकती है युवाओं को मदद

रिंकू सिंह कहते हैं कि अगर उन्हें स्थानीय स्तर पर या शासन स्तर पर संसाधन की मदद मिलती है, तो वह इससे भी बेहतरीन तरीके से अपना सर्वश्रेष्ठ देकर बच्चों को भारतीय सेना के लिए भी तैयार कर सकते हैं.
हालांकि खेल विभाग चमोली द्वारा भी इन बच्चों को समय समय पर मदद की जाती है. इसके अलावा रिंकू से अगर आप संपर्क करना चाहते हैं तो https://www.instagram.com/rinko_negi?igsh=YmVlYTRzYXVjMWc1 इंस्ट्राग्राम आईडी और मोबाइल नंबर +91 78955 46052 पर सीधे संपर्क कर सकते हैं.

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