प्रिंस / छत्तरपुर.छतरपुर जिले की खजुराहो में स्थित विश्व प्रसिद्ध मातंगेश्वर महादेव मंदिर में मरकत मणि होने की बात इतिहास में दर्ज है. खजुराहो में स्थित चंदेल कालीन मंदिरों में शिव मंदिर एक अकेला ऐसा मंदिर है जिनको मुगल आक्रांता विध्वंस नहीं कर पाए. इस मंदिर को लेकर कई पौराणिक इतिहास एवं मान्यताएं जुड़ी हुई हैं.
मरकत मणि को लेकर है यह इतिहास
इस मंदिर में भगवान शिव की मरकत मणि जिसे भगवान शिव ने पांडवों के भाई दुर्योधन एवं दुर्योधन ने इस मणि को मातंग ऋषि को दिया था, मातंग ऋषि ने इस मणि को तत्कालीन खजुराहो के राजा एवं इस मंदिर के निर्माता चंदेल राजा हर्षबर्मन को दी थी और उसके बाद राजा हर्षवर्मन ने मंदिर के निर्माण के समय उसे शिवलिंग के नीचे दबा दिया गया ऐसा इतिहास में उल्लेख मिलता है.
भगवान शिव की है 9 फीट लंबी प्रतिमा का हर साल बढ़ता है आकार
खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव की 9 फीट ऊंची प्रतिमा है भगवान शिव की 9 फीट ऊंची इस प्रतिमा की पिंडी अनोखी और दुर्लभ है. स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान शिव की जितनी लंबी यह प्रतिमा बाहर है उतनी ही जमीन के अंदर भी है.
बताते हैं कि इस मंदिर में प्रतिमा का आकार प्रत्येक वर्ष बढ़ता है इतिहास में इस बात का भी उल्लेख है की प्रतिमा के नीचे मरकत मणि भी छिपी हुई है.
बता दें खजुराहो में स्थित 85 मंदिरों में से लगभग सभी को मुगलों ने नुकसान पहुंचा था लेकिन जब भी मुगल भगवान शिव के इस मंदिर के पास पहुंचने थे, तो उनको आंखों से दिखाई देना बंद हो जाता था.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 14:06 IST