आशुतोष तिवारी/ रीवा: रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. किसान दलहन की फसलें चना- मसूर, मटर आदि की बोवनी कर रहे हैं. ऐसे में जिले के किसानों को इन दिनों सबसे अधिक डीएपी खाद की जरूरत है. जिले के बेलवा गांव के किसान सुधीर सिंह ने बताया कि समितियों और डबल लॉक में पर्याप्त खाद नहीं होने से किसानों की लंबी कतारें केंद्रों में लगने लगी हैं. कई बार किसानों को बिना खाद के लौटना पड़ता है. बताया जा रहा है कि खाद की नई रैक अभी सप्ताह भर बाद आने की संभावना है.
किसानों को कम मात्रा में मिल रही खाद
किसान सुधीर सिंह ने बताया कि समितियों और डबल लॉक में पर्याप्त खाद नहीं है. इस वजह से किसानों को कम मात्रा में खाद वितरण किया जा रहा है, जिससे सभी किसानों को खाद मिल सके, ताकि बिना खाद के किसान केंद्रों से न लौटें. यही वजह है कि खाद की कमी की वजह से रबी सीजन की बोवनी प्रभावित हो रही है. आने वाले कुछ दिनों के बाद जब गेहूं की बोवनी शुरू होगी तो खाद का संकट और तेजी से बढ़ेगा.
व्यापारियों ने शुरू की मनमानी
किसान सुधीर सिंह और उनके साथियों ने बताया कि खाद के संकट की आहट मिलते ही व्यापारियों ने मनमानी करना शुरू कर दी है. दलहन की फसलें बोने के लिए डीएपी खाद की जरूरत है. समितियों और डबल लॉक में पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है. इस वजह से बाजार में व्यापारियों द्वारा खाद 1700 रुपए में दी जा रहा है. ऐसे में जिले के वो किसान जो मसूर व चना की बोवनी करने वाले हैं, उनकी मुश्किल बढ़ रही है.
बढ़ रही हैं मुश्किलें
जिले में तीन लाख हेक्टेयर में रबी की बोवनी होनी है. इसके लिए किसानों को 15 मीट्रिक टन डीएपी खाद चाहिए. इसके अनुरूप जिले को खाद आवंटन नहीं मिल रहा है. हालांकि मांग के अनुरूप 6906 मीट्रिक टन खाद वितरित हो चुकी है. बावजूद इसके किसानों को खाद को लेकर मुश्किलें हो रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 22, 2023, 24:32 IST