खनन पट्टा प्रकरण: झारखंड HC में सुनवाई, कपिल सिब्बल ने रखा CM हेमंत सोरेन का पक्ष, जानें अपडेट

रांची. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और उनके करीबियों को खनन पट्टा दिये जाने के मामले में बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामला करीबियों में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और साली की कंपनी Soharai Livestocks Pvt. Ltd. को चान्हो में 11 एकड़ भूमि ST कोटे से आवंटन से जुड़ा है. सीएम की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखते हुए कहा कि सीएम के खिलाफ एक ऐसे ही मामले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है, लिहाजा यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है.

इस पर प्रार्थी के अधिवक्ता अजीत कुमार ने कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि यह याचिका उस याचिका से बिलकुल अलग है. प्रार्थी के अधिवक्ता ने कोर्ट को विस्तृत जानकारी देने के लिए समय की मांग की. मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी. आपको बता दें कि खनन पट्टा आवंटन मामले को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट और अधिवक्ता सुनील महतो ने झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है जिस पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान सीएम हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल वर्चुअल माध्यम से जुड़े और अपनी दलील रखी. वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया गया जिसमें सीएम हेमंत सोरेन को लेकर ठीक ऐसे ही एक मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जिस जनहित याचिका को खारिज किया गया था वह मामला भी सीएम हेमंत सोरेन और उनके करीबियों को खनन पट्टा आवंटन से ही जुड़ा था.

उस मामले में याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा के क्रेडेंशियल पर सवाल उठे थे. कोर्ट को यह बताया गया था कि प्रार्थी शिवशंकर शर्मा और सोरेन परिवार के साथ संबंध मधुर नहीं है और इस लिहाज से इस तरह की याचिका परेशान करने के लिए दायर की गई है. हालांकि इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में भी कई तारीखों पर सुनवाई हुई. बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया जहां इसे खारिज कर दिया गया.

बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में खारिज उसी याचिका का जिक्र सीएम के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने किया लेकिन प्रार्थी के अधिवक्ता अजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि यह याचिका उससे अलग है और उन्होंने इससे संबंधित दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी.

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