खंडवा में गंगा की मिट्टी और कोलकाता के इको फ्रेंडली रंगों से बनाई जा रही दुर्गा प्रतिमा

प्रवीण मिश्रा/खंडवा. शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं. इससे पहले खंडवा में मां दुर्गा की प्रतिमाओं को बंगाल के कलाकार अंतिम रूप दे रहे हैं. शहर के जसवाड़ी रोड स्थित राजपूत धर्मशाला के पास गंगा किनारे से लाई गई मिट्टी से मां दुर्गा की प्रतिमा को बना रहे हैं. ये कलाकार लगभग 28 साल से खंडवा में माता की प्रतिमाएं बनाते हैं.

बंगाली मूर्तिकार मृत्युंजय पाल ने बताया कि साल 1998 में हमने खंडवा में मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण का काम छोटे स्तर पर शुरू किया था. आज हमें इस कार्य को करते हुए 27 साल हो गए हैं. शहर के अधिकतर पंडालों में हमारी ही कलाकारी से बनाई हुई मूर्तियां स्थापित की जाती हैं.

भगवान शिव के साथ विराजित मूर्ति की ज्यादा डिमांड
मूर्तिकार मृत्युंजय ने बताया कि इस बार भगवान शिव के साथ विराजमान मूर्ति की मांग ज्यादा है. इस साल 150 से ज्यादा मूर्तियां बनाई हैं. मां दुर्गा की इन मूर्तियों में खास बात यह है की मिट्टी से लेकर माताजी की सजावट में लगाया सामान भी कोलकाता से से लाया गया है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक इन बंगाली कारीगरों द्वारा बनाई मूर्ति की डिमांड है. आस पास के जिलों से भी लोग मूर्ति लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

पर्यावरण का रख रहे पूरा ध्यान
गंगा की पवित्र मिट्टी और कोलकाता के इको फ्रेंडली रंगों से बनाई जा रही प्रतिमा
मूर्तिकार बताते हैं. हर साल की तरह इस इस बार भी गंगा की पवित्र मिट्टी से मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मूर्तियों पर कोलकाता से लाए गए इको फ्रेंडली रंगों का उपयोग कर कलर किया जा रहा है, ताकि विसर्जन के दौरान नदी का पानी खराब न हो और पर्यावरण को भी नुकसान न पहुंचे.

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FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 19:23 IST

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