खंडवा की महिला ने कोर्ट से लगाई अजब गुहार – ‘बच्‍चा पैदा करना है साहब, पति को जेल से छोड़ दो’

भोपाल/जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मंगलवार को अजब याचिका आई. खंडवा की एक महिला ने अपने मौलिक अधिकारों के तहत बच्चा पैदा करने वाली एक याचिका लगाई है. महिला ने अपने पति को जमानत देने का अनुरोध किया है ताकि वह बच्चा पैदा कर सके. याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच के पास यह मामला आया था, जिसे एडमिट करते हुए सरकार को जनवरी 2024 तक महिला से संबंधित रिकॉर्ड हाईकोर्ट में पेश करने को कहा है. वहीं, याचिकाकर्ता महिला ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपने मौलिक अधिकारों का पालन करते हुए संतान प्राप्‍ति एक मौलिक अधिकार है और मौलिक अधिकार के तहत उन्हें अपने पति के साथ कुछ दिन रहकर बच्चा उत्पन्न करने का अनुमति संविधान देता है.

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आईवीएफ के माध्यम से बच्चा मिल सकेगा
याचिकाकर्ता महिला की ओर से सीनियर एडवोकेट बंसत डेनियल शैफाली सराफ, दामिनी सिंह बिलाल मंसूरी और गुंजन दुआ ने पैरवी की. उन्होंने कहा कि महिला का पति इंदौर जेल में है. वहां से कुछ समय के लिए पति को बाहर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए. ताकि पत्नी आईवीएफ के माध्यम से बच्चा प्राप्ति कर सके.

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सरकार के पास रिकॉर्ड नहीं था, इसलिए सुनवाई एक महीने बाद
कोर्ट के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज जबलपुर से पांच विशेषज्ञों के निर्णय वाली एक रिपोर्ट भी मंगाई गई. विशेषज्ञों के निर्णय वाली रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चा प्राप्त हो सकता है ऐसी कोई आपत्ति नहीं आ सकती सिर्फ रिस्क इन्वाल्व रहता है. हाईकोर्ट ने रिपोर्ट पर कहा कि रिस्क रहता है. इसका ये मतलब नहीं है कि महिला अपना अधिकार मांग नहीं सकती. हाईकोर्ट ने इस सम्बद्ध में सरकार से रिकॉर्ड था लेकिन नहीं मिला. लिहाजा, याचिका की सुनवाई जनवरी 2024 तक बढ़ा दी गई है.

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