क्रिसमस पर यहां दिव्यांग बच्चों ने रंग बिरंगी मोमबत्ती बनाकर दिया संदेश

शुभम मरमट / उज्जैन. जवाहरनगर के मनोविकास विशेष शिक्षा स्कूल में ऐसे 200 विद्यार्थी हैं, जिन्हें मनोविकास विकलांग सहायता समिति कौशल शिक्षा प्रदान कर रही है. साल 2003 में सिस्टर आंसी के मार्गदर्शन में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत हुई थी. कॉलेज से जुड़े फादर का कहना है कि त्यौहार के मायने क्या होते हैं, कोई इनसे सीखे. सालभर इन्हें क्रिसमस का इंतजार रहता है.

रंग-बिरंगे मोमबत्ती को सजाने के लिए यह बच्चे खुद सुनहरी चमक चुनते हैं. उन्हें क्रम से चिपकाने के साथ सुखाने तक हर काम पर एक कुशल कारीगर की तरह नजर रखते हैं. निरीक्षण के लिए आने वाले फादर को उत्साह से बताते हैं कि कोई कमी होने पर उसे उसी तन्मयता से सुधारते भी हैं. मोम पिघलाकर बनाते हैं रंग-बिरंगी मोमबत्ती समिति की वर्कशॉप में काम कर रहे आरु वर्मा व अभिषेक ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें मोम से मोमबत्ती बनाना पसंद है.वे खुद ठोस मोम को बर्तन में तरल बनाते हैं, उसे अलग-अलग डाई में डालकर रंग-बिरंगी मोमबत्ती का आकार देते हैं. ये मोमबत्ती पूरी रात प्रज्ज्वलित हो सकती हैं.

हजारों घर कर चुके रोशन
इन खास बच्चों के बनाई मोमबत्ती हजारों घरों को रोशन कर चुके हैं. फादर जॉर्ज बताते हैं कि हर साल निजी संस्थाएं इन्हें लेने के लिए बुकिंग करवाती है. इस बार भी कई बुकिंग आ चुकी है. इसे देखते हुए ही इस बार दो महीने से ये कार्य निरंतर चालु है.

फादर ने जानकारी देते हुए बताया
मनोविकास केंद्र में ऐसे बच्चे है जो दिखने में तो बड़े हैं लेकिन मानसिक रूप से छोटे हैं. यह बच्चे मोमबत्ती बनाकर यह कहना चाह रहे हैं कि हम अंधेरा दूर करना चाहते हैं और समाज में हम भी कुछ कर सकते हैं. दिव्यांग बच्चों को यह कार्य करने मे काफी खुशी होती है. और हम उनके साथ देते हैं.

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