क्यों मनाया जाता है धनतेरस? इस दिन खरीदारी का क्या है महत्व, जानिए शुभ मुहूर्त समेत सब

विशाल झा / गाजियाबाद: हर वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस तिथि पर भगवान धन्वंतरि सोने के क्लेश के साथ प्रकट हुए थे. इसके साथ ही त्रयोदशी के दिन ही आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि जी की जयंती भी मनाई जाती है. इस वर्ष धनतेरस 10 नवंबर को है.मन्यताएं हैं कि धनतेरस पर खरीदारी करने वाले के घर सुख समृद्धि आती है. धनतेरस पर खरीदारी का मुहूर्त भी काफी विशेष माना जाता है.

इस बारे में ज्यादा जानकारी दी आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने. मध्यान्ह 13-14 बजे से 14:42 बजे तक आयुर्वेद के जन्मदाता धनवंतरी जी के पूजन और हवन के के लिए उत्तम मुहुर्त है. आयुर्वेद के मानने वाले अपने उत्तम स्वास्थ्य के लिए धन्वंतरी पूजन और हवन का आयोजन करते है.शाम को प्रदोष काल, गोधूलि वेला और स्थिर लग्न 17-43 बजे से 19-39 बजे तक धनतेरस का पूजन करना शुभ रहेगा. इस अवधि में बर्तन, ज्वेलरी , वस्त्र ,घरेलू उपयोग की वस्तुएं खरीदना बहुत ही श्रेष्ठ रहेगा.

धनतेरस पर खरीदारी का महत्व
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में बर्तन और सोने चांदी के अलावा वाहन, जमीन जायदाद के सौदे , लग्जरी चीज और घर में काम आने वाली अन्य दूसरी चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई चल -अचल संपत्ति में 13 गुना वृद्धि होती है.धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन खरदना कुबेर यंत्र के बराबर होता है. इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है. इस दिन साबुत धनिया घर लाने की परंपरा भी है.धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और भगवान गणेश की पूजा जरूर करनी चाहिए. धनतेरस के दिन घर और बाहर 13 दीपक जलाने से बीमारियों को दूर किया जाता है.

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