क्यों चर्चा में है माउंट कार्मेल कॉलेज? 75 साल बाद उठाने जा रहा ऐतिहासिक कदम

बेंगलुरु. बेंगलुरु में एक प्रसिद्ध महिला कॉलेज के रूप में 75 वर्ष गुजारने के बाद अब माउंट कार्मेल कॉलेज एक अहम बदलाव से गुजरने वाला है. आगामी शैक्षणिक वर्ष से, संस्थान पूरी तरह से सह-शैक्षिक (co-educational) हो जाएगा क्योंकि मैनेजमेंट ने पुरुष छात्रों के लिए सभी स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम खोलने की घोषणा की है. हालांकि, कॉलेज प्रबंधन ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि लड़कों के लिए कितनी प्रतिशत सींटें आरक्षित होंगी.

अब आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिए पात्र छात्रों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जबकि 2015 में कुछ स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम लड़कों के लिए उपलब्ध कराए गए थे, यह पहली बार है कि सभी पाठ्यक्रम उनके लिए खुले होंगे. यह निर्णय विश्वविद्यालय की डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने की आकांक्षाओं के अनुरूप है. परिवर्तन की घोषणा इसकी डायमंड जुबली के जश्न के बाद की गई थी.

कॉलेज रजिस्ट्रार सुमा सिंह ने ऐसे समय में प्रतिस्पर्धा की महत्वपूर्ण भूमिका का हवाला देते हुए एक विविध छात्र निकाय के महत्व पर जोर दिया, जब अधिक महिलाएं वर्कफोर्स में प्रवेश कर रही हैं. उन्होंने पुरुष और महिला प्रतिनिधित्व के बीच संतुलन की वर्तमान आवश्यकता पर प्रकाश डाला.

कॉलेज रजिस्ट्रार सुमा सिंह ने एनडीटीवी से कहा, “हमें एक मिलीजुली भीड़ की जरूरत है क्योंकि प्रतिस्पर्धा बहुत महत्वपूर्ण है. यह इसलिए भी है कि अधिक महिलाएं वर्कफोर्स में शामिल हो रही हैं और बदलाव समय की मांग है. हम ऐसे समय में रह रहे हैं जहां पुरुष-महिला संतुलन के लिए इसकी जरूरत है.”

एक महिला छात्र ने बदलाव के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में अपने अद्वितीय लाभों के लिए दोनों जेंडर होने चाहिए. उन्होंने कहा, “अब यह विश्वविद्यालय है. हर विश्वविद्यालय में लड़कियां और लड़के होने चाहिए; इसका अपना फायदा है. यह बदलाव के लिए अच्छा है.”

सह-शिक्षा (co-educational) संस्थान में परिवर्तन क्रमिक होने की उम्मीद है. कई वर्षों से इस बदलाव पर विचार कर रहे प्रशासन ने हाल ही में रजिस्ट्रार और डीन के साथ बैठक के दौरान इस निर्णय को पुख्ता किया.

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