सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जिला कोर्ट्स में बुनियादी ढांचे के लिए धन उपलब्ध कराने के प्रति उदासीन रवैये के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह क्या हो रहा है? आपकी सरकार क्या कर रही है? आप दिल्ली हाईकोर्ट को कोई फंड नहीं देना चाहते? जज प्रशिक्षण ले रहे हैं और कोई कोर्ट रूम नहीं है.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने दिल्ली सरकार को 14 दिसंबर तक निचली अदालत के बुनियादी ढांचे के लिए धन जारी करने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि क्या हो रहा है? आपकी सरकार क्या कर रही है? आप दिल्ली हाईकोर्ट को कोई फंड नहीं देना चाहते? आपको गुरुवार तक पैसा जारी करना होगा. कोर्ट ने आगे कहा कि यह एक आदर्श हाईकोर्ट है और इसकी हालत देखिए. जज प्रशिक्षण ले रहे हैं और कोई अदालत कक्ष नहीं हैं. बैठक बुलाई जानी चाहिए और सभी बकाया को मंजूरी दी जानी चाहिए.
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मार्च 2021 तक चार में से तीन परियोजनाओं के लिए मंजूरी दे दी गई थी. फिर भी, परियोजनाओं के लिए धन जारी नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 5 दिसंबर तक हाईकोर्ट की स्टेट्स रिपोर्ट में 887 न्यायिक अधिकारियों की स्वीकृत संख्या, 15 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों और 813 अधिकारियों की संख्या को स्वीकृति दी गई है.
कोर्ट ने कहा कि स्वीकृत संख्या को समायोजित करने के लिए 118 कोर्ट रूम की आवश्यकता थी और कार्य करने वाले जजों के 114 न्यायालय कक्षों की जरूरत थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धनराशि स्वीकृत करने में देरी खेदजनक है और दिल्ली ज्यूडिशियरी के प्रति दिल्ली सरकार के ढुलमुल रवैये का कोई औचित्य नहीं है. सीजेआई ने सरकार से सवाल किया कि वह दिल्ली हाईकोर्ट को फंड क्यों नहीं दे रही है?
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FIRST PUBLISHED : December 12, 2023, 08:35 IST