क्‍या है Stryker armoured? जिसे बेचने का अमेरिका ने दिया ऑफर

नई दिल्‍ली. प्रीडेटर ड्रोन सहित कई बड़े रक्षा सौदे करने के बाद अब अमेरिका की नजर भारत से एक और बड़ी डील मिलने पर है. न्‍यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट अनुसार अमेरिकी सरकार ने स्ट्राइकर बख्तरबंद लड़ाकू वाहन के एयर डिफेंस सिस्‍टम (Stryker Armoured Fighting Vehicle’s Air Defence System) को भारत को बेचने की पेशकाश की है. भारत सरकार से संपर्क कर अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि यह सिस्‍टम दुश्मन के विमानों को मार गिराने के लिए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है, जिससे भारतीय सेना को बड़ी मदद मिलेगी. बताया गया कि भारत के साथ 2+2 वार्ता के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने स्ट्राइकर बख्तरबंद लड़ाकू वाहन के सह-उत्पादन पर जोर दिया था और इसकी घोषणा उनके रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन ने भी की थी.

रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया, ‘अमेरिकियों ने भारतीय सेना को एयर डिफेंस सिस्‍टम से लैस स्ट्राइकर बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की पेशकश की है. उन्होंने भारतीय संस्थाओं के साथ वाहनों का सह-उत्पादन करने की पेशकश की है.’ यह पहली बार नहीं है कि अमेरिका ने भारत को स्ट्राइकर सिस्टम की बिक्री पर जोर दिया है और भारतीय प्रतिष्ठानों के साथ पिछली कुछ उच्च स्तरीय बैठकों में भी ऐसा किया है.

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भारत प्रस्‍ताव पर कर रहा विचार
सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि भारत स्ट्राइकर वाहनों के लिए अमेरिकी प्रतिष्ठान द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, लेकिन इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है. अमेरिकी प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब भारतीय रक्षा उद्योग ने बख्तरबंद लड़ाकू वाहन विकसित करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है. इसमें निजी उद्योग के सहयोग से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म जैसे वाहन शामिल हैं.

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लद्दाख में की गई है तैनाती
भारत ने चीन सीमा पर आपातकालीन स्थितियों में सैनिकों को तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद करने के लिए इनमें से कुछ बख्तरबंद प्लेटफार्मों को लद्दाख सेक्टर जैसे अग्रिम क्षेत्रों में भी तैनात किया है. भारत फोर्ज और टाटा सहित भारतीय निजी कंपनियों ने भी सिस्टम बनाए हैं और उन्हें आगे के क्षेत्रों में तैनाती के लिए रक्षा बलों को प्रदान किया है.

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