क्या है यहोवा का साक्षी? जिसकी प्रार्थना सभा में हुए ब्लास्ट, जानें मान्यताएं

नई दिल्ली. केरल में कोच्चि के कलामासेरी स्थित एक कन्वेंशन सेंटर में रविवार को हुए विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हुए एक शख्‍स डोमिनिक मार्टिन ने त्रिशूर के कोडकारा पुलिस स्‍टेशन में सरेंडर कर दिया है. पुलिस उसके दावों की जांच कर रही है जिसमें उसने खुद को यहोवा के साक्षी (Jehovah’s witness) समूह का सदस्‍य बताया है. ईसाई धर्म (Christianity) से जुड़ा यहोवा के साक्षी समूह ऐसा मानते है कि केवल यहोवा ही एकमात्र सच्‍चा भगवान है और उसने ही सबकुछ बनाया है; इसलिए केवल सारी पूजा- प्रार्थनाएं उसी के लिए होनी चाहिए. वे मानते हैं कि इसी ईश्‍वर का पुत्र जीसस उद्धारक है, लेकिन वह ईश्‍वर से अलग है.

यहोवा के साक्षी मानते हैं कि एक दिन दुनिया खत्‍म हो जाएगी. उनकी मान्‍यताएं बाइबल की सभी 66 किताबों पर आधारित हैं, लेकिन वे क्रिसमस और ईस्‍टर पर छुट्टियों का जश्‍न नहीं मनाते. वे ब्‍लड डोनेशन भी नहीं करते; क्‍योंकि खून को वे पवित्र मानते हैं. वे मानते हैं कि ईश्‍वर ने धरती इसलिए बनाई है ताकि यह हमेशा इंसानों से आबाद रहे. बहुत जल्द धरती खूबसूरत बगीचे जैसी हो जाएगी. तब वहां सिर्फ उन लोगों को जीने का मौका मिलेगा जो परमेश्‍वर की बात मानते हैं. वे फिर कभी बीमार नहीं पड़ेंगे और हमेशा तक इस धरती पर जीएंगे.

दुनिया भर में फैले हैं यहोवा के साक्षी
अमेरिका से शुरू हुए यहोवा के साक्षी अब दुनिया भर में फैले हुए हैं और भारत में करीब 950 मंडलियों में इनके 56 हजार से अधिक सदस्‍य हैं जो बाइबल पढ़ाते हैं. वे बाजारों, पार्कों, बस स्‍टॉप आदि पर अपने स्‍टैंड बनाकर यहोवा के साक्षी के संबंध में किताबे आदि लोगों को पढ़ने के लिए देते हैं. इसके सम्‍मेलन और प्रार्थना सभा आदि होती रहती है. यहोवा के साक्षी पारंपरिक चर्चों में विश्वास नहीं करते, लेकिन अपने प्रचार कार्य के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं.

ईसाई धर्म से जुड़ा 'यहोवा के साक्षी' क्या है? जिसकी प्रार्थना सभा में हुए ब्लास्ट, जानें इनकी मान्यताएं

यहोवा के साक्षी बाइबल के मुताबिक देते हैं शिक्षा लेकिन
यहोवा के साक्षी समूह का कहना है कि किसी समय अब्राहम और मूसा ने भी यहोवा को ईश्‍वर माना था और खुद यीशु ने भी उसी को ईश्‍वर माना था. लोगों के धार्मिक विश्‍वास पर अध्ययन करनेवाले प्रोफेसर जेसन डी. बीडुन ने लिखा कि यहोवा के साक्षी “बाइबल में छानबीन किए बगैर पहले से तय नहीं कर लेते कि बाइबल फलाँ बात सिखाती है. इसके बजाय, बाइबल में जो लिखा है, ठीक उसी के मुताबिक शिक्षाएँ देते हैं और काम करते हैं.

Tags: Christianity, Kerala, Kerala Latest News

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *