क्या है मोया मोया बीमारी? महिला को 12 घंटे की सर्जरी के बाद मिला नया जीवन

आशिष परमार
जूनागढ़: मोये मोये गाना इस वक्त ट्रेंड में है, लेकिन यहां बात इस गाने की नहीं बल्कि एक बीमारी की हो रही है. इस बीमारी का नाम है मोया मोया. जूनागढ़ की एक 30 वर्षीय महिला को यह बीमारी है. इस बीमारी में मस्तिष्क से शरीर के विभिन्न अंगों तक रक्त का प्रवाह न होने के कारण इंसान को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस कारण कभी-कभी बोलने की क्षमता खत्म हो जाती है. कभी-कभी इंसान एक शब्द भी नहीं बोल पाता है.

धंधूसर गांव की रांभीबेन सिंघल नाम की एक महिला जब अस्पताल में डॉक्टर से मिलने गई तो वह ठीक से बोल नहीं पा रही थी. उसे तुरंत इलाज की जरूरत थी. इसलिए डॉ. धवल गोहिल द्वारा तुरंत उनका इलाज किया गया और मस्तिष्क तक जल्द से जल्द रक्त पहुंचाने के अधिक प्रयास किए गए. 12 घंटे से अधिक समय तक चली सर्जरी में थ्रेडिंग और बाईपास सर्जरी शामिल थी. इस बाईपास सर्जरी के लिए बहुत समय और सतर्कता की आवश्यकता होती है.

डॉ. धवल गोहिल के अनुसार इस उपचार के लिए दो से तीन साल के गहन अध्ययन और अनुभव की आवश्यकता होती है. क्योंकि अगर कोई गलती हुई तो मरीज को काफी नुकसान हो सकता है. डॉ. धवल बताते हैं कि उन्होंने दो से तीन साल तक इस मामले का अध्ययन किया है. शुरुआती दिनों में इस तरह के ऑपरेशन अहमदाबाद में होते थे, लेकिन सौराष्ट्र के इस क्षेत्र में इस तरह का सफल ऑपरेशन पहली बार हुआ है और मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है.

रोग के लक्षण
मोया मोया रोग में लोगों के मस्तिष्क से अन्य अंगों तक रक्त का प्रवाह अपर्याप्त हो जाता है और इस कारण अंग काम करना बंद कर देते हैं. अगर जल्दी इलाज न किया जाए तो मरीज में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है. वर्तमान रोगी के मस्तिष्क से दाहिने अंग तक रक्त का प्रवाह न हो पाने के कारण उसे बोलने में कठिनाई हो रही थी.

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