क्या लखनऊ संसदीय सीट पर बीजेपी को वॉकओवर देने के मूड में है सपा

भारतीय जनता पार्टी के सांसद और मोदी सरकार में टॉप तीन नेताओं में गिने जाने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह क्या अबकी बार भी बीजेपी की तरफ से लखनऊ से लोकसभा प्रत्याशी होंगे? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि उनकी उम्मीदवारी की घोषणा बीजेपी की तरफ से अभी तक नहीं हुई है। यह भी कहा जा रहा है कि यदि वह चुनाव लड़ते हैं (इस बात की चर्चा है कि राजनाथ चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं) तो उनकी या अन्य किसी बीजेपी प्रत्याशी की जीत की राह में शायद कोई बड़ा रोड़ा नहीं आयेगा क्योंकि यहां इंडी गठबंधन दरकता नजर आ रहा है। एक तरफ सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बैठकें हो रही हैं तो दूसरी तरफ सपा ने लखनऊ मध्य विधान सभा क्षेत्र के विधायक रविदास मेहरोत्रा का लखनऊ से अपना लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया है। रविदास 2022 में हुए विधान सभा चुनाव में मात्र साढ़े छह हजार वोटों से चुनाव जीते थे, ऐसे में रविदास को राजनाथ के सामने काफी कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा है। बीते कई लोकसभा चुनाव में सपा यहां भाजपा के खिलाफ ज्यादा दमदार और लोकप्रिय प्रत्याशी उतारती रही है, जिसके मुकाबले भी रविदास काफी कमजोर प्रत्याशी लग रहे हैं।

     

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी तैयारियों में जुटे हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते धीरे-धीरे खोलने शुरू कर दिए हैं। यदि गठबंधन होता है और लखनऊ लोकसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में न जाकर समाजवादी पार्टी के पक्ष में जाती है तो भी लखनऊ में त्रिकोणीय मुकाबला ही होगा। भाजपा और सपा के अलावा बसपा भी यहां से संभवतः अपनी मजबूत दावेदारी पेश करेगी।

बात सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा की कि जाये तो रविदास छात्रसंघ से निकलकर राजनीति में आए थे। रविदास पहली बार 1989 में विधायक चुने गए थे। साल 2012 विधानसभा चुनाव में सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने लखनऊ मध्य सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। हालांकि 2017 में रविदास मेहरोत्रा को जीत नहीं मिली लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर लखनऊ मध्य की सीट पर समाजवादी पार्टी का झंडा फहरा दिया था। रविदास को लखनऊ से उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि अभी अधिकारिक घोषणा होना बाकी है लेकिन सूत्रों की मानें तो रविदास मेहरोत्रा का नाम लखनऊ के लिए लगभग तय है। लखनऊ लोकसभा सीट की बात करें तो यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। लखनऊ लोकसभा सीट पर बीजेपी का 1991 से कब्जा है। साल 2004 तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद 2009 लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन सांसद बने।

बीजेपी के लिए अजेय बनी इस सीट पर 2014 में फिर कमल खिला। साल 2014 लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह बीजेपी से सांसद बने। समाजवादी पार्टी ने 1996 से लेकर 2019 तक सिने स्टार राजबब्बर, फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली से लेकर फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी तक को चुनाव लड़ाया। इसके अलावा भगवती सिंह, मधु गुप्ता और अभिषेक मिश्रा जैसे स्थानीय चेहरों पर भी दांव लगाया लेकिन नतीजे नहीं बदले। पार्टी अब स्थानीय चेहरे के भरोसे 2024 में लखनऊ से उम्मीदें जोड़ने की तैयारी में है। देखना यह है कि बसपा लखनऊ लोकसभा सीट को लेकर कितनी गंभीर है और क्या कांग्रेस लखनऊ से अपना प्रत्याशी नहीं उतारने के लिए मान जायेगी। कुल मिलाकर लखनऊ संसदीय सीट पर बीजेपी को वॉकओवर मिलता दिख रहा है।

-अजय कुमार

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