हम में से कई ऐसे होंगे जिनका रात में सोते समय पैर अचानक हिल गया हो यानी ऐसा लगता है कि वह हवा में गिर रहा हो. ऐसा किसी विटामिन की कमी से हो सकता है. यह विटामिन की गोलियों और भोजन से आसानी से ठीक किया जा सकता है. इसमें आपके पैर हिलाने की भी आदत को गिनी जाती है. पैर हिलाने की आदत को कंपकंपी कहा जाता है. इसके कई कारण हैं, इनमें से कुछ को डॉक्टरर्स की आवश्यकता होती है लेकिन विटामिन के साथ इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की रिपोर्ट के अनुसार रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है, लेकिन हम इसे अपनी लाइफस्टाइल को सही कर इसका इलाज कर सकते हैं.
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस) क्या है?
सबसे पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि पैर क्यों हिल जाता है. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है. इसी वजह से पैर अजीब तरह से हिलते हैं. इससे आपकी नींद पर भी असर पड़ती है. विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी, विटामिन ई की कमी से रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम होता है.
विटामिन बी: विटामिन बी की कमी का रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का बड़ा कनेक्शन है. इसे विटामिन बी12 और बी6 से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, मछली और फाइबर से भरपूर सब्जियां खाने से ठीक किया जा सकता है. हालांकि, विटामिन बी की गोलियां लेने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें.
विटामिन डी: विटामिन डी की कमी से डोपामाइन में खराबी हो सकती है और रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम भी हो सकता है. अपने आहार में विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने से लक्षणों को कम किया जा सकता है, हड्डियों का स्वास्थ्य मजबूत हो सकता है और मांसपेशियों की गति को नियंत्रित किया जा सकता है. यह भी ध्यान रखें कि बहुत अधिक विटामिन डी शरीर के लिए हानिकारक है.

विटामिन सी और ई: क्रोनिक किडनी रोग वाले लोगों में गंभीर रेस्टलेस लेग सिंड्रोम होने का खतरा अधिक होता है. हालांकि, विटामिन सी और विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थ शरीर में कोशिकाओं को बचाने में उपयोगी होती हैं. ये विटामिन हमारे शरीर के लिए स्वस्थ हैं, लेकिन अन्य गोलियों के साथ मिलाने पर इनके गंभीर दुष्प्रभाव होने की संभावना अधिक होती है. इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें.
(Disclaimer: किसी भी विटामिन की गोलियों का सेवन करने से पहले आप एक बार डॉक्टर्स से जरूर कर संपर्क लें)
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FIRST PUBLISHED : March 9, 2024, 16:59 IST