हाइलाइट्स
पाकिस्तान में भी भारत की तरह संसद में दो सदन हैं, एक ऊपरी और निचला सदन
संसद में असली ताकत बेशक नेशनल असेंबली के पास होती है लेकिन कानून दोनों सदनों से पास होकर ही बनता है
पाकिस्तान की संसद में भी दो सदन होते हैं. निचले सदन को नेशनल असेंबली या कौमी असेंबली कहा जाता है तो उच्च सदन को सीनेट कहते हैं. नेशनल असेंबली के लिए सीधे और परोक्ष दोनों तरह से चुनाव होते हैं. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 10 सीटें रिजर्व रहती हैं, जो वहां के अल्पसंख्यकों हिंदुओं और ईसाइयों के लिए हैं.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें होती हैं – 266 सीटों पर चुनाव सीधे जनता वोटों के जरिए करती है जबकि नेशनल असेंबली की 70 सीटें रिजर्व होती हैं – 60 महिलाओं के लिए तो 10 गैर मुस्लिमों के लिए. रिजर्व सीटों का अलाटमेंट नेशनल असेंबली के लिए जीतकर आईं पार्टियों की क्षमता के हिसाब से उसी अनुपात में होती है. गौरतलब है कि पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यक हैं. हिंदू करीब दो फीसदी हैं तो ईसाई 01 फीसदी. इसी वजह से इन रिजर्व सीटों पर हिंदू भी चुने जाते रहे हैं.
मौजूदा चुनावों में मोटे तौर पर इमरान समर्थन उम्मीदवार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच मुकाबला है. वैसे चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी भी होते हैं लेकिन उन्हें चुनावों के बाद किसी पार्टी में शामिल होना होता है. विजयी पार्टी का नेता प्रधानमंत्री बनता है.
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली का सभागार कक्ष (wiki commons)
नेशनल असेंबली में बहुमत कैसे
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली में किसी पार्टी को बहुमत के लिए 169 सदस्यों की जरूरत होती है. ये पाकिस्तान में 12 वें आम चुनाव हो रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान की सत्ता पर सेना की बहुत जबरदस्त पकड़ है लिहाजा चुनावों से लेकर सरकार के कामकाज तक को सेना प्रभावित करती है.पाकिस्तान के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान ने तीन दशकों से अधिक समय तक देश पर सीधे शासन किया है.
पाकिस्तान में अब भी नेशनल असेंबली के साथ प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव होते हैं. यहां हर मतदाता दो वोट डाल सकता है – एक नेशनल असेंबली के लिए, और दूसरा प्रांतीय असेंबली के लिए. नेशनल असेंबली का कार्यकाल पांच साल का होता है.
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के लिए 266 सीटों पर सीधे चुनाव होते हैं. (courtesy dawn)
किस राज्य में कितनी नेशनल असेंबली सीटों के चुनाव
– उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सीटों की संख्या 39 से बढ़कर 45 हो गई है. चुनाव से पहले देश में नए तरीके से चुनावी इलाकों का परिसीमन हुआ है. इसमें खैबर पख्तूनख्वा में सीटें बढ़ गईं
– सबसे बड़े प्रांत पंजाब में नेशनल असेंबली के लिए 141 सीटें हैं. यानि ये राज्य नेशनल असेंबली के लिए आधी से अधिक सीटों का चुनाव करता है
– सिंध आबादी के लिहाज से दूसरा बड़ा प्रांत है, यहां नेशनल असेंबली के लिए 61 सीटें हैं. तो बलूचिस्तान में 16 सीटें हैं.
– इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र हैं, यहां से नेशनल असेबली में तीन सांसद चुनकर भेजे जाते हैं.
संसद के ऊपरी सदन को क्या कहते हैं
पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन सीनेट में 100 सीटें हैं. सीनेट का चुनाव सीधे नहीं किया जाता है. इसके सदस्यों को प्रांतीय विधानसभाओं द्वारा चुना जाता है, जैसा भारत में राज्यसभा चुनावों में होता है. सीनेट का कार्यकाल 06 साल का होता है. सीनेट के चुनाव क्रमबद्ध तरीके से हर तीन साल में होते हैं. सीनेट, नेशनल असेंबली और देश की प्रांतीय विधानसभाएं मिलकर निर्वाचक मंडल बनाती हैं, जो बदले में पाकिस्तान के राष्ट्रपति का चुनाव करता है.
असली ताकत नेशनल असेंबली के पास
भारत की ही तरह असली ताकत निचले सदन के पास होती है, जिसमें प्रतिनिधि जनता से चुनकर भेजे जाते हैं. कोई भी कानून दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बनता है.
प्रांतीय असेंबली के भी चुनाव
नेशनल असेंबली का चुनाव करने के अलावा पाकिस्तान में चार प्रांतों – बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध की विधानसभाओं के लिए भी चुनाव हुए हैं.
पाकिस्तान का संसद भवन
पाकिस्तान की नई संसद का उद्घाटन 28 मई 1986 को हुआ. ये इस्लामाबाद के रेड जोन में हैं. इसे अमेरिकी वास्तुकार एडवर्ड ड्यूरेल स्टोन द्वारा डिजाइन किया गया था. ये पांच मंजिला इमारत इमारत है, जिसका एरिया 598,000 वर्ग फुट है.
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Tags: Pakistan Election, Pakistan Parliament
FIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 12:25 IST