क्या भारत में बंद होने जा रहा है अफगान दूतावास? विदेश मंत्रालय को भेजी गई चिट्ठी

भारत में कूटनीतिक मोर्चे पर बड़े बदलाव हो रहे हैं। जहां सारा ध्यान कनाडा के साथ गतिरोध पर है, वहीं अफगानिस्तान के साथ भी कुछ चल रहा है। मीडिया में आई रिपोर्ट्स से पता चलता है कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास 30 सितंबर तक बंद होने की संभावना है। दूतावास का संचालन पिछली सरकार के राजनयिकों द्वारा किया जाता है। दो साल पहले काबुल पर कब्ज़ा करने वाले तालिबान शासन और उसके पूर्ववर्ती, अशरफ गनी के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई अफगान सरकार के बीच सत्ता संघर्ष चल रहा है। 

नई दिल्ली में अफगान दूतावास क्यों बंद हो रहा है?

अफगानिस्तान दूतावास ने भारत को सूचित किया है कि तालिबान सरकार और नई दिल्ली से सहयोग की कमी के कारण उसे बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस सप्ताह विदेश मंत्रालय (एमईए) को एक अहस्ताक्षरित नोट वर्बेल में निर्णय से अवगत कराया गया था, जिसमें संकेत दिया गया था कि दूतावास महीने के अंत में बंद हो जाएगा। नोट में यह भी उल्लेख किया गया है कि नई दिल्ली ने कई अनुरोध पत्रों को अस्वीकार कर दिया था, जिसमें करीब 3,000 अफगान छात्रों के लिए सहायता और वीजा की मांग की गई थी, जो 2021 में भारत की यात्रा करने वाले थे, लेकिन उन्हें यात्रा कागजात नहीं दिए गए थे। पत्र में यह भी अनुरोध किया गया है कि नई दिल्ली में मिशन के ऊपर अफगान तिरंगे को फहराने की अनुमति दी जाए। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, यह झंडा अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे तालिबान शासन ने उखाड़ फेंका था।

अफगान दूत और राजनयिकों का क्या होगा?

भारत में अफगानिस्तान के दूत फरीद मामुंडज़े को पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व वाले पिछले इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान द्वारा नियुक्त किया गया था। वह कई महीनों से लंदन में हैं। अन्य राजनयिकों को भी संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में शरण मिली है। तीन अफगान राजनयिक अनवर सादात, सेदिकुल्लाह सहर और मोसा नईमी नई दिल्ली में दूतावास में रह गए । सूत्रों ने बताया कि सादात और सहर के गुरुवार रात राजधानी से फ्रांस के लिए रवाना होने की उम्मीद है। दूतावास बंद होने की खबर उन खबरों के बाद आई है कि शुक्रवार को 11 भारतीय कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया और उन्हें मिशन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *