क्या भतीजे के लिए बुआ ने दी इतनी बड़ी ‘कुर्बानी’? मध्य प्रदेश की राजनीति में एक ही चर्चा

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया (Yashodhara Raje Scindia) ने ऐलान किया है कि वह इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. यशोधरा के इस ऐलान के बाद सियासी गलियारों में कयास लग रहे हैं कि क्या वह शिवपुरी की अपनी सीट भतीजे और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के लिए छोड़ रही हैं?

यशोधरा ने क्या ऐलान किया?
यशोधरा राजे सिंधिया (Yashodhara Raje Scindia) ने इसी 5 अक्टूबर को शिवपुरी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैंने पहले ही कहा था कि इस बार चुनाव नहीं लडूंगी. बस आप सब लोगों को धन्यवाद कहना चाहती हूं. एक तरीके से यह मेरा गुड बाय है. मैंने हमेशा अपनी मां के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास किया है. राजमाता का आशीर्वाद है कि मैं यह फैसला ले पाई. आज मैं आप लोगों से प्रार्थना करती हूं कि मेरे इस फैसले का समर्थन करें.’

इसी सभा में यशोधरा ने कहा कि वह चाहती हैं कि नई पीढ़ी के लोग राजनीति में आएं. इससे पहले यशोधरा ने इसी साल अगस्त में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को एक पत्र लिखकर चुनाव न लड़ने के फैसले से अवगत करा दिया था. मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा (V D Sharma) कहते हैं कि यशोधरा राजे सिंधिया, स्वास्थ्य कारणों से चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी.

क्या है BJP की रणनीति?
हालांकि बीजेपी से जुड़े अंदरूनी लोग यशोधरा के इस फैसले को दूसरे तरीके से देखते हैं. बीजेपी इनसाइडर्स का मानना है कि जिस तरीके से पार्टी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रियों-सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़वा रही है, यशोधरा का यह फैसला भी उसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है.

मध्य प्रदेश बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता इंडियन एक्सप्रेस से कहते हैं, ‘इस बात की पूरी संभावना है कि ज्योतिरादित्य को यशोधरा राजे की सीट शिवपुरी या उसकी किसी पड़ोसी सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है. राज्य नेतृत्व को अगली सूची का इंतजार है. इसके बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी…’

ज्योतिरादित्य को विधानसभा का अनुभव नहीं
आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अभी तक कोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है. पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद साल 2002 में उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और गुना लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़कर दिल्ली पहुंचे. इसके बाद 2002 से 2019 तक लगातार कांग्रेस के टिकट पर गुना सीट से जीतते रहे. साल 2020 में जब कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में आए तो पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. फिर केंद्र में मंत्री बनाया.

1998 से सियासत में हैं यशोधरा
रिश्ते में ज्योतिरादित्य की बुआ लगने वालीं यशोधरा राजे सिंधिया साल 1998 में राजनीति में आई थीं और शिवपुरी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंची थीं. यशोधरा ने साल 2003 में भी इस सीट से जीत हासिल की और पहली बार राज्य सरकार में मंत्री बनीं. साल 2007 में उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. 2009 में ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर दिल्ली पहुंचीं. 2014 में भी इस सीट से जीत हासिल की.

साल 2013 में यशोधरा राजे सिंधिया की राज्य की सियासत में वापसी हुई और फिर शिवपुरी सीट से ही चुनाव मैदान में उतरीं. इस बार भी जीत हासिल की और शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में मंत्री बनीं. 2018 में भी उन्होंने इसी सीट से जीत हासिल की.

Tags: BJP, CM Shivraj Singh Chauhan, Jyotiraditya Scindia, Madhya Pradesh Assembly

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