संजय राघव/सोहना. सरकार आम लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करने के दावे तो करती है लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिलकुल विपरीत होता है. कुछ ऐसा ही सोहना के नागरिक अस्पताल के बारे में बताया जा रहा है . जो कि तमाम सुविधाओं से लैस बताया जाता है. लेकिन हकीकत दावों से कोसों दूर दिखाई पड़ती है.
सोहना के नागरिक अस्पताल के हालात भी कुछ ऐसा ही है.स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल के अनुसार 11 डॉक्टरों को यहां नियुक्त किया गया है. लेकिन हकीकत ये है कि कई सालों से 6 डॉक्टर्स अस्पताल में आए ही नहीं है. रिकॉर्ड में 11 डॉक्टरों की मौजूदगी के कारण उनके पद भरे भी नहीं जा सकते .जिसका सीधा खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. इस समय नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होने के कारण मरीजों को दर-दर की ठोकरे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. जिसके कारण मजबूरन गरीब मरीजों के भी निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है.अब ये सवाल उठता की क्या मरीजों का इलाज पोर्टल पर होगा या अस्पताल में. सोहना अस्पताल की हकीकत और दावों में बड़ा घोटाला सामने आया है.
धरातल पर हकीकत कुछ और
अस्पताल के अंदर ना एक्स-रे की सुविधा है न ही किसी प्रकार के ब्लड टेस्ट की .हालांकि सोहना के आसपास करीब 40 हजार की आबादी है और इसी आबादी को ध्यान में रखते हुए सोहना में नागरिक अस्पताल बनाया गया था .सुविधाओं के नाम पर यहां न दवाइयां है ना ही पर्याप्त डॉक्टर. विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि सालों से कंप्यूटर के रिकॉर्ड पर सोहना की नागरिक अस्पताल में 11 डॉक्टरों को तैनात दिखाया जा रहा है. लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है.
नहीं हुई कोई सुनवाई
इस मामले में अधिकारियों का भी कहना है कि पोर्टल पर 11 डॉक्टरों की उपस्थिति दिखाए जाने के कारण ही यहां कोई अन्य नियुक्तियां नहीं की जाती. जिसको लेकर कई बार बड़े अधिकारियों को कहा भी गया है. लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं किया गया.
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FIRST PUBLISHED : September 16, 2023, 22:52 IST