क्या गाजियाबाद के डीएम ने किया BJP नेताओं का अपमान? वायरल चिट्ठी के माध्यम से लौटाई गई चाय-नाश्ते की रकम

विशाल झा/ गाजियाबाद : गाजियाबाद के डीएम के पास भेजा गया एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पत्र में भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं का नाम है और चिट्टी के साथ 700 रुपए है. दरअसल गाजियाबाद के भाजपा के वरिष्ठ 12 नेताओं का आरोप है कि डीएम राकेश कुमार सिंह ने उनका अपमान किया. जब वे सभी मुख्यमंत्री से मिलने के लिए गेस्ट हाउस पर गए थे.

गौरतलब है कि यह पूरा मामला सीएम योगी के 23 दिसंबर के गाजियाबाद दौरे से जुड़ा हुआ है. दरअसल, सीएम योगी दो दिन पहले गाजियाबाद जल निगम के गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम के लिए रूके थे. इस दौरान रात में सीएम योगी ने गाजियाबाद के सभी जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. जबकि 24 दिसंबर की सुबह 12 बजे नेताओं को मिलने के लिए बुलाया गया था. यह वरिष्ठ नेता सुबह ही गेस्ट हाउस पर पहुंच गए थे. तब डीएम राकेश कुमार सिंह ने इन्हें बिठाया और चाय पिलाई. इस दौरान सूचना मिली कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के लिए निकलने वाले है और समय कम होने की वजह से किसी से व्यक्तिगत मुलाकात नहीं हो कर पाएंगे.

क्या है बीजेपी नेताओं का आरोप ?
भाजपा नेताओं का आरोप है कि जब वो मुख्यमंत्री से मिलने गए तो उन्हें पहले एक हॉल में बिठा दिया गया और चाय-नाश्ता दिया. इसके बाद हाथों में एक-एक फूल देकर वार्ता स्थल की बजाय गेट के पास कार्यकर्ताओं को लाइनअप किया गया.भाजपा नेताओं लाइन में खड़े होने को अपना अपमान समंझा और नाराजगी जाहिर . इस पर वहां तैनात अफसर ने द्वारा सामान्य अंदाज में कहा कि “हमने चाय पिलाई है फिर अपमान कैसा?” इसके बाद यह सभी वरिष्ठ नेता बिना मुख्यमंत्री से मिले वहां से लौट गए.

स्टेनो ने लेटर स्वीकार करने से किया इंकार
सूत्रों के मुताबिक इन वरिष्ठ नेताओं में शामिल किसी नेता ने एक कार्यकर्ता के माध्यम से यह लेटर गाजियाबाद के डीएम आवाज पर भिजवाया. जब डीएम के स्टेनो ने लिफाफा खोला तो उसमें 700 रुपए पाए गए, स्टेनो ने लिफाफा स्वीकार करने से मना कर दिया और कार्यकर्ता को वहां से लौटा दिया. अब बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस लेटर को रुपए सहित डाक के जरिए डीएम ऑफिस भेजा जाएगा.

डीएम ने दी सफाई
गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह ने इस पूरे मामले में कहा कि महानगर इकाई ने जिस आयोजन के लिए पुलिस को पास जारी करने की लिस्ट भेजी थी. उसी तरीके से सभी पास बनाए गए थे. कोई भी प्रॉक्सिमिटी पास नहीं जारी किया गया था और न मिलने का किसी के द्वारा अनुरोध किया गया था. जिलाधिकारी आगे बताते है कि महानगर इकाई ने इन नेताओं से सीएम से मिलवाने के लिए कहा था. लेकिन अंदर जाने के लिए नहीं कहा था. ऐसे में नेताओं के अपमान का सवाल नहीं होता.

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