क्या कांग्रेस को हल्के में ले रहे नीतीश कुमार, आखिर कहां फंसा है मंत्रिमंडल विस्तार का पेंच? तेजस्वी पर डाली जिम्मेदारी

हाइलाइट्स

बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार का पेंच आखिर कहां फंस रहा है?
सीएम ने डिप्टी सीएम पर डाली मंत्रिमंडल विस्तार की जिम्मेदारी.

पटना. ‘अब कितना विस्तार होगा, जब होना होगा तो हो जाएगा’. पटना में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती समारोह पर जब पत्रकारों ने सीएम नीतीश कुमार से बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सवाल पूछा तो उनके जवाब ने फिर से रहस्य को और गहरा दिया. सीएम नीतीश सवाल पर साफ-साफ बोलने से बचते दिखे और फिर मुस्कुराते हुए कहा कि मंत्रिमंडल कितना बड़ा है, नहीं देखे हैं. अगर होना होगा तो होगा ही, बाकी डिप्टी सीएम बताएंगे. इतना कहकर उन्होंने तेजस्वी यादव के ऊपर सवाल डाल दिया. हालांकि, इसके बाद तेजस्वी यादव ने भी मुस्कुराते हुए कहा जब होगा तो बताएंगे, क्यों चिंता करते हैं.

दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तब से तेज हुई जब पटना में 23 जून को भाजपा विरोधी दलों के नेताओं की बैठक में राहुल गांधी ने नीतीश कुमार से सवाल पूछ डाला था कि मंत्रिमंडल विस्तार कब कर रहे हैं. इसके बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को देखकर कहा था, क्या करना है देख लीजिए. लेकिन, उसके बाद महीना से ज्यादा का वक्त गुजर गया, पर अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाया. इसके बाद कांग्रेस की नाराजगी भी सामने आई थी.

कांग्रेस जता चुकी है नाराजगी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने नाराजगी के भाव में कहा था कि-मुख्यमंत्री का आधिकारिक बयान अभी कांग्रेस को नहीं पता है. अपने मंत्रियों से सीएम नीतीश कितना खुश हैं, कहा नही जा सकता, जो काम नहीं होने वाला होता है कांग्रेस उसे भी कराती है. जाहिर है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाराजगी के साथ-साथ इशारों में चेतावनी भी दे रहे हैं.

अधिकतम 36 मंत्री बन सकते हैं
दरअसल, विधान सभा सीटों की संख्या के लिहाज से बिहार में अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. सीएम और डिप्टी सीएम को मिलाकर कुल 31 सदस्य हैं. राजद के 14 विधायक, जदयू के 12 विधायक मंत्री वर्तमान में हैं. कांग्रेस के दो, एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह हैं और वाम दलों से एक भी मंत्री नहीं है. वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार जो होना है उसमें कांग्रेस और आरजेडी कोटे से मंत्री बनना है. आरजेडी से दो सुधाकर सिंह और कार्तिक मास्टर की जगह को भरना है. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस को एक सीट मिलनी है, लेकिन कांग्रेस दो पर अड़ी हुई है, जिसकी वजह से मामला फंसा हुआ है.

मंत्रिमंडल विस्तार पर पेच
इन सबके बीच दिलचस्प बात यह भी है कि जो भी कोटा खाली हुआ है और जिसे भरना है वो सवर्ण कोटा ही है. इस वक्त बिहार में जातिगत गणना और महिला आरक्षण बिल में आरक्षण के अंदर आरक्षण को लेकर सियासत गर्म है, ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार होगा भी तो वो सवर्ण समाज के लिए ही होगा. ऐसे में इस वक्त मतदाताओं में क्या मैसेज जाएगा, महागठबंधन (अब इंडिया अलायंस) में शामिल दलों के लिए यह भी महत्वपूर्ण है.

देरी की यह भी है वजह
दूसरी वजह ये भी बताई जा रही है कि आरजेडी और कांग्रेस में कई लोगों की नजर मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई है, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगाी तो उनकी नाराजगी भी उभर सकती है. ऐसे में चुनावी मौसम में कांग्रेस और आरजेडी को नाराजगी कहीं भारी ना पड़ जाए, इसका भी ध्यान रखना होगा. चर्चा इस बात को लेकर भी तेज है कि कहीं लोकसभा के साथ साथ बिहार विधान सभा चुनाव ना हो जाए, इस वजह से भी देरी हो सकती है.

राजद कोटे के दो हुए बाहर
बता दें कि नीतीश कैबिनेट में सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को मिलाकर 33 सदस्य थे. लेकिन, हम के संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद रत्नेश सदा मंत्री बनाए गए, यानी जदयू का कोटा फुल है. राजद के कार्तिक मास्टर और सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद दो सीट खाली हो गई थी इनकी जगह भरी जानी है. वही कांग्रेस से एक को मंत्री बनाए जाने की बात चर्चा में है, लेकिन कांग्रेस दो मंत्री पद चाहती है.

क्या इंडिया गठबंधन में फूट है?
बहरहाल, लाख टके का सवाल यह है कि नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा इसका साफ-साफ जवाब और वजह किसी को नहीं पता. अगर पता है तो सिर्फ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को, जो इस पर अभी क्लियर कट कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. वहीं, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार नहीं करने के इशारे से कांग्रेस नाराज है और सियासी हलकों में इसे इंडिया गठबंधन की आपसी फूट से  भी जोड़कर देखा जा रहा है.

Tags: 2024 लोकसभा चुनाव, CM Nitish Kumar, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, लोकसभा चुनाव राजनीति

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *