संसद के अलावा भारत में ऐसी और कोई जगह नहीं है जहां देश के सारे वीवीआईपीपी एक ही समय में एक ही जगह पर एकट्ठा होते हैं। उदाहरण के लिए राष्ट्रपति का अभिभाषण जिसमें दोनों सदनों के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और सारे सांसद शामिल होते हैं। लेकिन संसद की कार्यवाही चल ही रही थी कि तभी दो लोग दर्शक दीर्घा से कूद पड़े। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने अपने हाथ में कलर स्मोक लिया हुआ था जिससे पीला धुंआ भी निकला। ये दोनों लोग कुछ नारे भी लगा रहे थे। वहां मौजूद सांसदों ने इन्हें पकड़कर पीटा है। इनके इरादे और अन्य जानकारियां पूछताछ के बाद धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट भवन के बाहर से एक महिला और एक पुरुष को भी गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम नीलम और अनमोल बताए जा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की है। संसद में सुरक्षा में हुई चूक पर भी रिपोर्ट ली गई है। लोकसभा सचिवालय ने 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा उल्लंघन मामले में 8 कर्मियों को निलंबित किया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि संसद की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। क्या एक आम आदमी के लिए सदन के सबसे सुरक्षित हिस्से तक पहुंचना बहुत आसान है? सुरक्षा चूक के बाद अब सिक्योरिटी में क्या बड़े बदलाव किए गए है? तमाम सवालों के जवाब इस रिपोर्ट के जरिए आपको बताएंगे।
संसद तक आम आदमी की पहुंच
हमारे देश की संसद में कोई भी आम आदमी जा सकता है, लेकिन इसके लिए भी सख्त प्रक्रियाएं हैं। दरअसल, दो तरीके से संसद में प्रवेश मिल सकता है। पहलाविजिट के लिए पास बनवाना। इस तरह के पास से संसद के अंदर म्यूजियम आदि दिखाया जाता है। इसके अलावा संसद में एक विजिट तब होती है जब संसद में सत्र चल रहा होता है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति संसद में जाकर लोकसभा की कार्यवाही सीधे देख सकता है। लोकसभा की कार्यवाही देखने के लिए भवन के अंदर एक दर्शक दीर्घा होती है। ये गैलरी लोकसभा में बॉलकोनी में बनी हुई है। यहीं ऊपर में आम लोग बैठते हैं। लोकसभा में एंट्री के लिए जो पास दिया जाता है वो एक सीमित वक्त के लिए होता है। इसी के अनुसार आम लोगों की एंट्री होती है। लोकसभा की कार्यवाही देखने के लिए फॉर्म भरना होता है। ये फॉर्म लोकसभा की वेबसाइट या उसके रिसेप्शन ऑफिस से मिलता है। इस फॉर्म में नाम, स्थायी पता आदि की जानकारी देनी होती है। इसके बाद आवेदन के इस फॉर्म को किसी भी सांसद से वेरिफाई करवाना होता है। ये सांसद आपके क्षेत्र से हो ऐसा जरूरी नहीं है। पास पर सांसद की मुहर और हस्ताक्षर होते हैं।
किसी भी विजिटर्स को परमिशन नहीं
लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन के बाद उठाए गए पहले उपायों में से एक संसद में आगंतुकों के प्रवेश को निलंबित करना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकसभा के महासचिव ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा और अगले आदेश तक आगंतुक परमिट जारी करने को निलंबित करने का फैसला किया। यह बात सामने आने के बाद सामने आई है कि घुसपैठियों में से एक को भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय से विजिटर्स पास मिला था। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों में से एक सिम्हा के निर्वाचन क्षेत्र मैसूर का रहने वाला है और वह अक्सर उनके कार्यालय आता था। अधिकारियों ने कहा है कि जब वे आगंतुकों का प्रवेश फिर से शुरू करेंगे, तो उन्हें चौथे द्वार से प्रवेश करना होगा और एक चार स्तरीय सुरक्षा प्रणाली यानी अतिरिक्त सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। वर्तमान में, आगंतुकों को तीन स्तरों पर सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है।
नए, बढ़े हुए सुरक्षा उपाय
संसद में आगंतुकों के प्रवेश को निलंबित करने के अलावा, अधिकारियों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल में भी सुधार किया है। ऐसा कहा गया है कि दर्शक दीर्घा, जहां से दो घुसपैठिए लोकसभा कक्ष में कूदे थे, अब शीशे से बंद कर दी जाएगी। इसके अलावा, गैलरी में पहली पंक्ति को खाली रखने, दूसरी पंक्ति से आगंतुकों को बैठाने पर भी चर्चा हो रही है। इसके अलावा, हवाई अड्डों की तरह बॉडी स्कैनिंग मशीनें परिसर में स्थापित की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग संसद परिसर में प्रवेश करते समय वस्तुओं को छिपा न सकें। यह कदम तब उठाया गया जब पता चला कि घुसपैठियों ने अपने जूतों में गैस कनस्तर छिपा रखे थे। संसद के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि प्रमाणित पत्रकारों और स्टाफ सदस्यों को अब उन्हें सौंपी गई अलग प्रविष्टि का सख्ती से पालन करना होगा और उन्हें कठोर सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। इसके अलावा, सांसदों के निजी सहायकों और कर्मचारियों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। सदन के अंदर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने पर भी चर्चा की गई है. सांसदों के मुताबिक कम से कम 150 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जानी चाहिए।
जांच पैनल गठित
गृह मंत्रालय ने यह भी घोषणा की है कि बुधवार को लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में एक जांच पैनल का गठन किया गया है। लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर, गृह मंत्रालय ने संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना की जांच का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, जांच समिति सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में गठित की गई है, जिसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों और विशेषज्ञों के सदस्य शामिल हैं। जांच समिति संसद की सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच करेगी, खामियों की पहचान करेगी और आगे की कार्रवाई की सिफारिश करेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सिफारिशों के साथ सौंपेगी, जिसमें संसद में सुरक्षा में सुधार के सुझाव भी शामिल होंगे। घटना के बाद बुधवार शाम को कई विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से स्पष्टीकरण की मांग की। सांसद शशि थरूर ने आरोप लगाया कि नई संसद सुरक्षा के मामले में बहुत अच्छी तरह से तैयार नहीं है और गृह मंत्री को “सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तृत प्रतिक्रिया देनी चाहिए।